Ø बाड़मेर: कभी काले पानी की सजा कहलाने वाला बाड़मेर जिला आज सोना उगल रहा है और हर कोई इस धरा में आकर बसने की चाह रखने लगा है। 29 अगस्त का दिन राजस्थान के इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया, जब देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगला का शुभारंभ किया।
Ø मंगला ने कई नये इतिहास रचते हुए एक बरस पूरा कर लिया। भौगोलिक विविधता वाले राजस्थान प्रदेश का मरुस्थल कभी ऊंचे और मीलों फैले धोरों के नाम से जाना जाता था, लेकिन इसी थार मरुस्थल में निकले पेट्रोलियम पदार्थों के अथाह भण्डारों ने उज्जवल भविष्य का संकेत दिया है। इस राज्य की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार साबित होने वाला काला सोना अब क्षेत्र की समृद्धि का जरिया बनने को तैयार है।
Ø एक साल के छोटे अंतराल में थार मरुस्थल में हो रहे कच्चे तेल के उत्पादन ने देश की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में बढते हुए विकास की नई इबारत लिखी है। थार मरुस्थल में पेट्रोलियम के सबसे बड़े भंडार मंगला तेल क्षेत्र से निकल रहे कच्चे तेल ने सवा लाख बैरल तेल प्रतिदिन के रिकॉर्ड उत्पादन को पार कर लिया है। उन्नत तेल प्राप्ति तकनीक के जरिये इसके 2011 के शुरु में 1.75 लाख बैरल तेल प्रतिदिन के स्तर को छूने की उम्मीद है।
Ø राजस्थान में केयर्न इंडिया व ओएनजीसी ने विश्व की सबसे लम्बी, सतत ऊष्मीय व आवरण युक्त तेल पाइपलाइन के जरिए कच्चे तेल की बिक्री शुरू कर दी है। भारत में अपनी तरह की पहली पाइपलाइन में स्किन इफेक्ट हीट मैनेजमेंट सिस्टम की विशेष तकनीक का सफल उपयोग करते हुए कच्चे तेल को गर्म रखते हुए सैकडों किलोमीटर दूर स्थित रिफाइनरियों को भेजा जा रहा है।
Ø इस वर्ष 15 जून को पाइपलाइन की शुरुआत के समय एस्सार कम्पनी को तेल की आपूर्ति शुरू हुई। उसके पश्चात रिलायन्स इन्डस्ट्रीज लिमिटेड व आईओसी को भी पाइपलाइन के जरिए मंगला का तेल मिलना आरंभ हो गया। वर्तमान में यह तेल दुनिया की सबसे लम्बी उष्मीय पाइपलाइन के जरिए बाड़मेर से गुजरात की तीन खरीदार कंपनियों तक पहुंच रहा है।
Ø ज्ञात रहे कि पूर्व में मैंगलोर रिफायनरीज एंड पैट्रोकेमिकल लिमिटेड और रिलायंस को तेल की आपूर्ति टैंकरों के जरिए हो रही थी। शुरुआती दौर में रिलायन्स ने प्रतिदिन 30,000 बैरल तेल लिया।
Ø बाड़मेर के मंगला तेल क्षेत्र में तेल उत्पादन की आधुनिकतम तकनीक इस तेल क्षेत्र से होने वाले उत्पादन में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर देगी। इस क्षेत्र मे तेल उत्पादन कर रही केयर्न इंडिया ने उन्नत तकनीक का प्रयोगशाला परीक्षण पूरा कर लिया है तथा शीघ्र ही मंगला क्षेत्र में फील्ड परीक्षण किया जाएगा।
Ø राजस्थान ब्लॉक के तीन बडे तेल क्षेत्र मंगला, भाग्यम व एश्वर्या को त्रिविमीय सर्वेक्षण के मूल्यांकन तथा व्याख्या के पश्चात अपग्रेड किया गया। अब केयर्न यह अनुमान लगाती है कि इन फील्ड में कुल तेल भंडार दो अरब बैरल है। इन्हांस्ड ऑयल रिकवरी (ईओआर) अर्थात् उन्नत तेल प्राप्ति तकनीकों का उपयोग करते हुए 30 करोड़ बैरल के अतिरिक्त भंडार को प्राप्त किया किया जा सकता है।
Ø पाइपलाइन के जरिये कच्चे तेल की आपूर्ति शुरू होने के अवसर पर केयर्न इंडिया के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल धीर ने कहा था कि राजस्थान से रिफाइनरियों तक इस मुख्य ढांचागत सुविधा को जोड़ने से उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
Ø लगभग 670 किलोमीटर लम्बी पाइपलाइन बाड़मेर राजस्थान से भोगत गुजरात तक है। सलाया आपूर्ति बिंदु पर निजी रिफाइनरियों को कच्चे तेल की आपूर्ति शुरू हो चुकी है। पाइपलाइन व सम्बद्ध ढांचागत सुविधाओं के पूर्ण होने से संयुक्त उपक्रम को उत्पादन और बिक्री बताते हुए रिफाइनरियों को कच्चे तेल बेचने में सहायता मिलेगी।
Ø उल्लेखनीय है कि आज के दौर में भारत औसतन 24 लाख बैरल तेल प्रतिदिन आयात करता है। उसकी घरेलू उत्पादन की क्षमता लगभग 7,00,000 बैरल प्रतिदिन है।
Ø बाड़मेर: राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर जिले में केयर्न्स इंडिया के मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल (एमपीटी) के उत्पादन श्रृंखला द्वितीय के एक सिरे से रविवार प्रात: खनिज तेल प्रवाहित करने का काम आरंभ हो गया।
Ø केयर्न्स इंडिया के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा अर्चना के साथ तेल प्रवाहित किए जाने की प्रक्रिया आरंभ की गई। तेल उत्पादन सुविधा श्रृंखला द्वितीय की अधिकतम क्षमता 50 हजार बैरल प्रतिदिन है। तेल प्रवाहित करने संबंधी प्रक्रिया के लिए कार्मिकों को विशेष सुरक्षा प्रशिक्षण दिया गया है।
Ø इस प्रक्रिया में तेल कुओं के समूह से उत्पादित खनिज तेल एमपीटी के सेपरेटर, हीटिंग, स्टोरेज इत्यादि इकाइयों से होकर लगभग एक सप्ताह की अवधि में मंगला तेल क्षेत्र से गुजरात के सलाया तक बिछाई गई विशिष्ट प्रकार की तेल परिवहन पाइप लाइन के एक सिरे तक पहुंचेगा। मुख्य पाइप लाइन के दूसरे सिरे तक तेल पहुंचने में करीब एक माह का समय लगेगा।
Ø सूत्रों के अनुसार, तेल उत्पादन सुविधा श्रृंखला एक से वर्तमान में प्रतिदिन लगभग तीस हजार बैरल उत्पादित तेल का परिवहन टेंकरों से किया जा रहा है। उत्पादन श्रृंखला तृतीय वर्ष 2010 के अंत तक विकसित की जानी है। अगले वर्ष भाग्यम और ऐश्वर्या तेल क्षेत्र से भी उत्पादित तेल का परिवहन पाइप लाइन से किया जाएगा।
Ø बाड़मेर से गुजरात के समुद्री तट तक बिछाई गई पाइप लाइन की तेल परिवहन क्षमता करीब ढाई लाख बैरल प्रतिदिन है। अगले वर्ष के अंत तक इससे रोजाना पौने दो लाख बैरल तेल परिवहन का लक्ष्य है। आवश्यकतानुसार इसमें वृद्धि की जा सकेगी। राज्य में रिफाइनरी लगने पर इसी पाइप लाइन से तेल की आवक भी संभव होगी।
Ø बाड़मेर के मंगला फील्ड से गुजरात के सलाया तट तक बिछाई गई दोहरी पाइप लाइन से तेल सप्लाई शुरु होने व खरीदार कंपनी की ओर से तेल लेने से मना करने के बाद केयर्न इंडिया ने टैंकरों से तेल परिवहन बंद करने का निर्णय लिया है। शुक्रवार रात्रि को ही कंपनी ने छह सौ टैंकरों का अनुबंध खत्म कर दिया।
Ø अब गुजरात के सलाया तक पाइप लाइन बिछाने के बाद एस्सार व रिलायंस को तेल आपूर्ति की जा रही है। इधर टैंकरों से तेल खरीदने वाली एमआरपीएल कंपनी की ओर से तेल खरीदने में असमर्थता जताए जाने पर केयर्न ने टैंकरों से तेल परिवहन कार्य बंद कर दिया। शुक्रवार रात्रि बारह बजे अचानक टैंकरों की छुट्टी कर दी गई। कंपनी के इस निर्णय से टैंकर संचालकों को करारा झटका लगा है।
Ø इधर, केयर्न इंडिया ने एमआरपीएल कंपनी की ओर से टैंकरों से तेल खरीदने में असमर्थता जताने पर टैंकर बंद करने की बात कही है। साथ ही, भविष्य में जरुरत पडऩे पर फिर से टैंकरों को तेल परिवहन में लगाए जाने का हवाला दिया जा रहा है।
Ø इस संबंध में केयर्न इंडिया के सीनियर मैनेजर (कारपोरेट) ए. पी. गौड़ का कहना है, ‘तेल खरीदार कंपनी एमआरपीएल ने टैंकरों से तेल खरीदने में असमर्थता जताई है। इस स्थिति में टैंकरों से तेल परिवहन कार्य फिलहाल बंद कर दिया है।’
Ø वहीं टैंकर यूनियन का कहना है कि कंपनी अनुबंध अचानक रद्द कर धोखा किया है। टैंकर यूनियन नागाणा के उपाध्यक्ष डाऊराम कहते हैं, ‘कंपनी ने हमारे साथ धोखा किया है। लाखों रुपए खर्च कर टैंकर खरीद लगाए तो अब कंपनी ने अचानक हटा दिए है। कंपनी के निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की रणनीति तय की जा रही है।’
Ø बहरहाल, अब तक मंगला ब्लॉक से तेल परिवहन टैंकरों के जरिए हो रहा था, जिससे एक बैरल तेल परिवहन पर आठ डॉलर खर्च किए जा रहे थे। पाइप लाइन से तेल आपूर्ति शुरु होने से ये खर्चा घटकर डेढ़ डॉलर प्रति बैरल आएगा। इससे कंपनी को प्रति बैरल सात डॉलर का मुनाफा होगा।
Ø कवास (बाड़मेर). नागाणा स्थित मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल के जोगासर छीतर का पार स्थित वेल पेड-14 पर गुरुवार शाम तीन श्रमिक पाइप लाइन में जोरदार लीकेज (फार्ट) से घायल हो गए। जानकारी के अनुसार पाइप लाइन में प्रेशर टेस्टिंग के दौरान यह हादसा हुआ। अचानक तेज दबाव के कारण जोरदार धमाका हुआ और वहां काम कर रही बीजे कंपनी के तकनीकी कर्मचारी एंड्रयू और दो अन्य श्रमिक घायल हो गए। हादसे के बाद मौके पर पहुंची सुरक्षा एजेंसियों और हेल्थ सेफ्टी एनवायरमेंट की टीम ने एहतियात के तौर पर आस-पास के इलाके को खाली करवाया।
Ø यूं हुआ हादसा: वेल पेड 14 पर बीजे कंपनी के तकनीकी कर्मचारी वाटर इंजेक्शन के जरिए उच्च दबाव के साथ नाइट्रोजन गैस भरकर परीक्षण कर रहे थे। तभी टेस्टिंग लाइन फार्ट हो गई।
Ø क्या होता है फार्ट: किसी भी यंत्र में जब उच्च दबाव से गैस भरने के दौरान यदि वो लीक या वहां से रिलीज हो जाए तो उसे फार्ट कहते है। ऐसे में उच्च दबाव के चलते धमाके की आवाज होती है।
Ø क्यों बनाते हैं दबाव: जब भी जमींदोज ऑयल को बाहर निकाला जाता है तो लगातार गहराई में जाने से पानी का दबाव कम हो जाता है। ऐसे में पानी का दबाव लगातार बनाए रखने के लिए बाहर से हाई प्रेशर पर पानी को अंदर उतारा जाता है। ऐसा करने से ऑयल ऊपर आने लगता है। गुरुवार को हुआ हादसा उसी दौरान हुआ जब लाइन में उच्च दबाव बनाया जा रहा था।
Ø हादसे की जांच चल रही है: वेल पेड 14 अभी डेवलपिंग फेज में है जहां पाइप लाइन में उच्च दाब बनाने के दौरान हुए फार्ट से तकनीकी कर्मचारी व श्रमिक चोटिल हुए हैं। हादसे की तकनीकी स्तर पर जांच करवाई जाएगी।’ - एपी गौड़, सीनियर मैनेजर कापरेरेट, केयर्न इंडिया, बाड़मेर
Ø बाडमेर: पुलिस थाने देश में कानून-व्यवस्था के लिए बरसों से आम आदमी के हमराह बने हैं। छोटे से भवन से लेकर आलीशान भवनों तक में चलने वाले थाने हर एक ने देखे होंगे, लेकिन कभी आपने देखा है कंटेनर में थाना। बिल्कुल सही सुना आपने! सामान की आवाजाही के लिए उपयोग में लाए जाने वाले कंटेनर में थाना! मामला राजस्थान के बाड़मेर जिले का है, जहां गत माह राज्य सरकार द्वारा गजट नोटिफिकेशन के बाद नागाना थाना कंटेनर में चल रहा है।
Ø बाड़मेर जिला मुख्यालय से 35 किलामीटर दूर स्थित नागाना गांव का थाना देश के हर थाने, हर पुलिस चौकी, सबसे जुदा है। देश के बड़े तेल उत्पादन इलाके मंगला में आए दिन होने वाले झगड़ों को लेकर नये बने इस थाने में पुलिस है, फोन है, गाड़ी है, 21 लोगों का स्टाफ है, लेकिन पक्का भवन नही है। तकरीबन 30 गावों की कानून-व्यवस्था देखने वाले इस थाने में हर नई व्यवस्था है, लेकिन पक्का भवन बनने में अभी एक बरस और लगेगा। इस थाने के प्रभारी महेंद्र सिंह भाटी का कहना है, ‘लोगों के लिए जहां यह थाना अनूठा है, वहीं हमारे लिए भी यह नया अनुभव है।’
Ø मंगला तेल उत्पादन क्षेत्र के लिए राहत बनने वाले इस थाने में जहां आने-जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था तेल कंपनी ने की है, वहीं लोगों के लिए इसे ढूंढना बड़ा कठिन हो रहा है। हैमा राम के मुताबिक, जब वो यहां मामला दर्ज करवाने आया, तो उसे थाना नहीं मिला, लेकिन जब उसने कंटेनर के आसपास पुलिस वालों को घूमते हए देखा, तो पता चला कि यह थाना है। हैमा राम का कहना है, ‘जब पता चला थाना कंटेनर में है, तो चौंक ही गये। मैंने पहले कभी ऐसा थाना नहीं देखा है।’
Ø मंगला इलाके में बीते दिनों हुई घटनाओं के कारण राज्य सरकार द्वारा थाने की शुरुआत की गई, लेकिन थाने के भवन का करार केयर्न कंपनी से होने के कारण भवन का निर्माण अभी अधर में है। रेतीले इलाके के अनूठे परिवेश की तरह अपने अनूठे कंटेनर थाने की चर्चा इलाके में है।
Ø बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक संतोष चालके का कहना है, ‘बीते दिनों हुई घटनाओं के कारण थाने की बेहद जरूरत थी। इस थाने की शुरुआत के बाद इलाके में शांति बढ़ी है। रही बात कंटेनर में थाने की, तो मजबूरन यह शुरुआत करनी पड़ी।’
Ø गौरतलब है कि इस थाने में जहां कैदी रखने की सुविधा अभी नहीं है, वहीं किसी बड़े मामले पर पुलिस जवान भी बाड़मेर से बुलाने पड़ेंगे।
Ø राजस्थान के थार मरुस्थल में पेट्रोलियम के सबसे बडे भंडार मंगला तेल क्षेत्र से निकला कच्चा तेल दुनिया की सबसे लम्बी उष्मीय तेल पाइप लाइन के जरिये दो खरीदार कंपनियों तक पहुंचने लगा है। हाल ही में 15 जून को पाइप लाइन की शुरुआत के समय एस्सार कंपनी को तेल की आपूर्ति शुरू हुई। अब रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भी पाइप लाइन के जरिए मंगला का तेल मिलना आरम्भ हो गया है।
Ø ज्ञात रहे कि पूर्व में मैंगलोर रिफाइनरियों एंड पेट्रोकेमिकल लिमिटेड और रिलायंस को तेल की आपूर्ति टैंकरों के जरिए हो रही थी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती दौर में रिलायंस प्रतिदिन 30,000 बैरल तेल लेगा और बाद में इस मात्रा को बढ़ाएगा।
Ø थार का मंगला क्षेत्र अब तक 50 लाख बैरल से अधिक तेल उत्पादित कर चुका है। इसमें से रिलायंस को 31 लाख व मैंगलोर रिफाइनरीज एंड पेट्रोकेमिकल लिमिटेड को 19 लाख बैरल टैंकरों के जरिए भेजा गया।
Ø राजस्थान में केयर्न इंडिया और तेल व प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने विश्व की सबसे लम्बी, सतत ऊष्मीय व आवरण युक्त तेल पाइप लाइन के जरिए कच्चे तेल की बिक्री शुरू कर दी है। भारत में अपनी तरह की पहली पाइप लाइन में स्किन इफेक्ट हीट मैनेजमेंट सिस्टम की विशेष तकनीक का सफल उपयोग करते हुए मोम की अधिक मात्रा वाले कच्चे तेल को गर्म रखते हुए सैकडों किलोमीटर दूर स्थित रिफाइनरियों को भेजा जा रहा है।
Ø राजस्थान के बाडमेर से गुजरात के भोगत तक लगभग 670 किमी लम्बी पाइप लाइन बिछाई गई है। सलाया आपूर्ति बिंदु पर निजी रिफाइनरियों को कच्चे तेल की आपूर्ति शुरू हो चुकी है। पाइप लाइन के जरिए बिक्री 2010 के उतरार्द्ध में एक लाख पच्चीस हजार बैरल तेल प्रतिदिन तक पहुंचने की उम्मीद है।
Ø बाड़मेर: पाकिस्तान की सीमा से लगे राजस्थान के मरुस्थली जिले बाड़मेर के नए कलेक्टर गौरव गोयल ने रविवार को नागाणा स्थित मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल व भादरेस स्थित राजवेस्ट पॉवर प्लांट का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्थाओं की जानकारी ली। जिलाधीश गोयल ने इस दौरान श्रमिकों का लंबे समय बाद भी चरित्र सत्यापन नहीं होने को गंभीरता से लिया है।
Ø कलेक्टर गोयल रविवार सुबह नागाणा स्थित मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल पहुंचे। वहां उन्होंने मंगला टर्मिनल क्षेत्र का निरीक्षण कर तेल पाइपलाइन का अवलोकन किया। साथ ही, उन्होंने वेल पेड भी देखे। तेल प्रोसेसिंग की प्रथम व द्वितीय ट्रेन का अवलोकन किया। कलेक्टर ने मंगला क्षेत्र व केयर्न्स इंडिया के तेल खनन परियोजना के अन्य स्थानों पर कार्य कर रहे बाहरी श्रमिकों का चरित्र सत्यापन नहीं होने की कार्रवाई को गंभीरता से लिया। उन्होंने कंपनी की सुरक्षा एजेंसियों को निर्धारित मानकों के अनुरूप पालना के निर्देश दिए। उन्होंने कंपनी अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रमिकों का चरित्र सत्यापन जल्द करवाए ताकि सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता हो सके।
Ø उन्होंने आग व अन्य आकस्मिक आपदा पर काबू पाने के उपलब्ध इंतजामों का भी अवलोकन किया। उन्होंने केयर्न्स इंडिया की ओर से की गई फायर ब्रिगेड व्यवस्था पर संतोष जताया। इसके बाद कलेक्टर गोयल भादरेस स्थित राजवेस्ट पॉवर प्लांट पहुंचे। वहां उन्होंने निर्माणाधीन पॉवर प्लांट का निरीक्षण किया। यहां लगाई जा रही पॉवर प्लांट की इकाइयों के प्रगति की जानकारी ली।
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