Saturday, 26 January 2019
Thursday, 24 January 2019
अधिनियम की धारा 87 ए के
अधिनियम की धारा 87 ए के तहत छूट। इस धारा के अनुसार, यदि आपकी वित्तीय वर्ष में कुल आय if 3.5 लाख से कम है, तो आपको कर से। 2,500 तक की छूट का दावा करने की अनुमति है।
Wednesday, 23 January 2019
धारा 89 (1) के तहत राहत
आयकर अधिनियम आपको उन स्थितियों में राहत प्रदान करता है यू / एस 89 (1) हैं। ... यदि आपको अपने वेतन का कोई हिस्सा बकाया या अग्रिम में मिला है, या आपको बकाया में पारिवारिक पेंशन मिली है, तो आप नियम 21A.Nov 26 के साथ पढ़े गए धारा 89 (1) के तहत कुछ कर राहत प्राप्त कर सकते हैं।
धारा 89 (1) के तहत राहत क्या है?
टैक्स की गणना वर्ष की अवधि में अर्जित या प्राप्त की गई कुल आय पर की जाती है। यदि आपकी कुल आय में वर्तमान वर्ष में भुगतान किए गए किसी भी पिछले बकाया राशि में शामिल है, तो आप ऐसे बकाया राशि पर आम कर का भुगतान करने के बारे में चिंतित हो सकते हैं (आमतौर पर कर दरों में वर्षों तक बढ़ गया है)। आय प्राप्त करने में देरी के कारण टैक्स के किसी भी अतिरिक्त बोझ से बचाने के लिए, कर कानून धारा 89 (1) के तहत राहत की अनुमति देते हैं। सरल शब्दों में, आप और भुगतान करते हैं, यदि आप भुगतान करते हैं, तो आप जितना पैसा प्राप्त करते थे उतना कम कर देते हैं।
चरण 2: कुल आय पर अतिरिक्त वेतन को छोड़कर, कर दिया गया है, जो आपको प्राप्त किया गया है, वे अतिरिक्त नैदानिक (बकाए) को जन्म देने के बाद, आपको अपने फॉर्म की गणना करने के लिए, दर 1 को पूरा करने की आवश्यकता है।
फ़ॉर्म 10 ई फॉर्म 10 ई फाइल कैसे करें "दायर ऑनलाइन फाइलें यहां फ़ॉर्म 10 ई ऑनलाइन चरण 1 फ़ाइलें दर्ज करें: https://incometaxindiaefiling.gov.in/ पर लॉग इन की तारीख के साथ अपने उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड के साथ। चरण 2: लॉग इन करने के बाद, 'ई-फाइल' नामक टैब पर क्लिक करें और 'आयकर रूपों' का चयन करें
वित्तीय वर्ष 2014-15 (मूल्यांकन वर्ष 2015-16) से फॉर्म 10 ई के गैर-दाखिल करने के लिए आयकर नोटिस, आयकर विभाग ने फॉर्म 10E को फाइल करने के लिए अनिवार्य बना दिया है यदि आप धारा 89 (1) के तहत राहत का दावा करना चाहते हैं। करदाताओं ने धारा 89 (1) के तहत राहत का दावा किया है, लेकिन फायर 10 ई को दर्ज करने के लिए कर विभाग से आयकर नोटिस प्राप्त किया गया है निम्नलिखित लाइनों - राहत यू / एस 89 को आपके मामले में अनुमति नहीं दी गई है, क्योंकि ऑनलाइन फॉर्म 10 ई के द्वारा आपके द्वारा दर्ज नहीं किया गया है। आयकर अधिनियम के ईसीई 8 के अनुसार ऑनलाइन फॉर्म 10 ई की प्रस्तुति की आवश्यकता है
फॉर्म 10E न भरने के लिए आयकर नोटिस
वित्तीय वर्ष 2014-15 (आकलन वर्ष 2015-16) से, आयकर विभाग ने धारा 10E दाखिल करना अनिवार्य कर दिया है यदि आप धारा 89 (1) के तहत राहत का दावा करना चाहते हैं।
जिन करदाताओं ने धारा 89 (1) के तहत राहत का दावा किया है, लेकिन फार्म 10 ई दाखिल नहीं किया है, उन्हें निम्नलिखित लाइनों के साथ कर विभाग से आयकर नोटिस प्राप्त हुआ है -
आपके मामले में राहत यू / एस 89 की अनुमति नहीं दी गई है, क्योंकि आपके द्वारा ऑनलाइन फॉर्म 10 ई दाखिल नहीं किया गया है। आयकर अधिनियम की sec.89 के अनुसार ऑनलाइन फॉर्म 10E प्रस्तुत करना आवश्यक है
Friday, 18 January 2019
चैरिटी या डोनेशन - Charity Or Donations
चैरिटी या डोनेशन
Charity Or Donations
अगर आप Social संस्थानों, Political पार्टियों, Scientific व शोध संस्थानों को Charityया Donation में पैसा देते हैं तो भी आपके द्वारा दी गई रकम Taxछूट के योग्य होती है। अलग-अलग मामलों में Section 80G, 80GGA, 80GGCके तहत यह छूट आप पा सकते हैं।
एजुकेशन लोन का ब्याज - Interest Of Education Loan
एजुकेशन लोन का ब्याज
Interest Of Education Loan
Higher Studyयानी Graduation और Post Graduation लेवल की पढ़ाई के लिए गए Education Loanपर जो ब्याज आप देते हैं, वह टैक्स से छूट प्राप्त होता है। यह किसी भी मात्रा में लिए गए Loan पर लागू होता है। Education Loan आप देश या विदेश में कहीं भी Studyके लिए लें, यह छूट आपको मिलती है। ये छूट आप अपने बच्चे, पति/पत्नी या गोद लिए बच्चे के लिए भी प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा भी तब, जबकि आपकी आय पहले से Taxable Income Slab में आती हो। इस छूट का लाभ Education Loan लेने वाला और उसके माता-पिता जो भी लोन अदा कर रहा हो, वह ले सकता है। (सेक्शन 80E के तहत)
बच्चों के सेविंग एकाउंट - Children’s Saving Account
बच्चों के सेविंग एकाउंट -
Children’s Saving Account
अक्सर बच्चे अपने टैलेंट के दम पर प्रतियोगिता या स्टेज परफॉर्मेंस से कुछ रकम इकट्ठा कर लेते हैं। ऐसी आमदनी में से 1500 रुपए तक आप चाइल्ड अर्निंग के रूप में अपनी आय में क्लब करके टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं। इसी आधार पर बच्चों के नाम Saving Account खुलवाने पर सालाना 1500 रुपए तक की जमा रकम और इस पर मिलने वाला ब्याज Tax Free होता है। यह सुविधा सिर्फ दो बच्चों तक ही सीमित होगी। इस तरह आप सालाना कम से कम 3000 रुपए आमदनी पर और Tax से छूट पा सकते हैं। (section 64(1A))
आश्रित विकलांग की देखभाल - Care Of Disabled Dependent
आश्रित विकलांग की देखभाल
Care Of Disabled Dependent
अगर आपके Familyका कोई Memberविकलांग है तो उसकी देखभाल में आने वाले खर्च को Section 80DDके तहत Taxमें छूट के लिए उपयोग कर सकते हैं। TaxPayer के स्वयं विकलांग होने पर इसका फायदा section 80Uके तहत लिया जा सकता है। विकलांगों को उनकी आमदनी में भी Normal Person के मुकाबले ज्यादा सीमा तक छूट मिलती है। Section 80 यू के तहत विकलांगता की गंभीरता या Level के अनुसार पर वह Maximum 10 लाख रुपए तक की आमदनी में Taxछूट प्राप्त कर सकता है।
गंभीर बीमारी से ग्रस्त का उपचार - Dependent With Serious Illness
गंभीर बीमारी से ग्रस्त का उपचार
Dependent With Serious Illness
अपने Familyके किसी Member के गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने पर उसकी देखभाल में आने वाले 40,000 रुपए तक के खर्च पर टैक्स से छूट ले सकते हैं। बीमार के Senior Citizenहोने पर यह छूट 60,000 रुपए तक और Super Senior Citizen होने पर 80,000 रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट पा सकते हैं। कैंसर, एड्स, डिमेंशिया, पर्किंसन्स, थैलेसीमिया आदि बीमारियां इस श्रेणी में आती हैं। (सेक्शन 80 section 80DDB के तहत)।
हेल्थ इंश्योरेंस - Health Insurance
हेल्थ इंश्योरेंस - Health Insurance
आपने खुद के लिए, अपने पति या पत्नी के लिए, अपने बच्चों के लिए अगर Mediclaim Policyले रखी है तो Section 80D के तहत इसके Premium पर भी टैक्स से छूट मिलती है। यह छूट सामान्य नागरिकों को सालाना 20,000 रुपए तक और Senior Citizen को 30000 रुपए तक के Premium पर मिलती है।
बच्चों की पढ़ाई की फीस - Children’s Tuition Fees
बच्चों की पढ़ाई की फीस - Children’s Tuition Fees
आप अपने बच्चों की पढ़ाई पर जो Tuition Fees देते हैं, वह भी Section 80C के तहत tax saving के दायरे में आती है। ये छूट स्कूल, कॉलेज या संस्थान में जमा की गई Tuition Fees पर ही मिलती है। अन्य मदों जैसे smart class, development fee, registration fee आदि पर छूट नहीं मिलती है। यह छूट यह छूट सिर्फ Full Time कोर्सों के लिए दो बच्चों की Study तक ही सीमित होती है।
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम - Senior Citizen Saving Scheme
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम
Senior Citizen Saving Scheme
आपकी आयु 60 वर्ष से अधिक है तो Senior Citizen Saving Scheme के तहत बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवा सकते हैं। इस एकाउंट में जमा रकम Section 80 C के तहत टैक्स छूट के योग्य होती है। 55 साल के बाद VRS यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले और सेना से retire लोग इस अकाउंट को 60 साल से पहले भी खुलवा सकते हैं।
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) - National Savings Certificates
National Savings Certificates
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)
NSC भी एक post office saving scheme है। इसमें आप 100 रुपए से लेकर 10,000 तक के Certificates पांच साल के लिए खरीद सकते हैं। इन पर जमा रकम पर आप Section 80C के तहत Tax छूट प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रखें, NSC में जमा रकम की ब्याज में Taxछूट नहीं मिलती है।
सुकन्या समृद्धि खाता - Sukanya Samriddhi Account
सुकन्या समृद्धि खाता - Sukanya Samriddhi Account
केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई Sukanya Samriddhi Yojana के अंतर्गत खोले गए Account पर भी Section 80C के तहत Tax Deduction का फायदा मिलता है। आप Post Office में अपनी 10 साल तक की दो बच्चियों के नाम Sukanya Samriddhi Account खोल सकते हैं।
5 वर्षीय पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट - 5-Year Post Office Time Deposit
5 वर्षीय पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट
5-Year Post Office Time Deposit
पोस्ट ऑफिस में पांच साल के लिए कराई गई एफडी Post Office Time Deposit (POTD) की रकम भी टैक्स छूट के दायरे में होती है। हालाँकि POTD में जमा रकम पर मिलने वाले Interest पर आपको Tax देना पड़ता है।
टैक्स सेविंग एफडी - Tax Saving FD (Fixed Deposits)
टैक्स सेविंग एफडी
Tax Saving FD (Fixed Deposits)
बैंक अपने ग्राहकों को पांच साल की Tax Saving FD उपलब्ध कराते हैं। इनमें जमा की गई आपकी रकम पर Section 80 सी के तहत Taxसे छूट मिलती है। यहां यह ध्यान रखें कि छूट सिर्फ मूल राशि पर मिलती है, इस पर मिलने वाले ब्याज पर नहीं।
स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन चार्ज - Stamp Duty and Registration Charges
स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन चार्ज
Stamp Duty and Registration Charges
घर खरीदने के लिए जो Stamp Duty और Registration Charges आप अदा करते हैं, उसे 80C deduction में शामिल कर सकते हैं।आपने घर होम Loan लेकर खरीदा हो या फिर अपनी पूंजी से, दोनों स्थितियों में यह Tax छूट मिलेगी।
होम लोन की किस्त में मूलधन का हिस्सा - Home loan EMI Principal
होम लोन की किस्त में मूलधन का हिस्सा
Home loan EMI Principal
आपने घर बनवाने के लिए जो Home Loanलिया है उसकी किस्त में जो मूल धन का हिस्सा है, उस पर Section 80C के तहत Taxसे छूट मिलती है। Home loan के ब्याज पर भी छूट मिलती है, लेकिन वह सेक्शन 24 के तहत आती है
ELSS-Equity Linked Savings Scheme - इक्विटी लिन्क्ड सेविंग स्कीम
ELSS-Equity Linked Savings Scheme - इक्विटी लिन्क्ड सेविंग स्कीम
ELSS एक तरह का म्यूचुअल फंड फंड होता है इसीलिए इसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी कहा जाता है। इसमें equity mutual funds की तरह आपका पैसा शेयरों में लगता है। बस फर्क इतना होता है कि ELSS में जमा पैसा तीन साल के लिए लॉक हो जाता है।
पेंशन स्कीम - Pension Funds
पेंशन स्कीम - Pension Funds
सरकार pension scheme पर भी टैक्स छूट देती है। National Pension Scheme में Deposit की गई 1.5 लाख रुपए सालाना तक की रकम Section 80C के तहत Tax Deduction के योग्य होती है। NPS के अलावा mutual fund की पेंशन स्कीम भी Tax Deduction की हकदार होती हैं।
लोक भविष्य निधि - Public Provident Fund (PPF)
लोक भविष्य निधि
Public Provident Fund (PPF)
सरकार ईपीएफ की तरह ही PPF यानी Public Provident Fund है, जिसमें आप बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाकर जमा कर सकते हैं। इस खाते में आप regular पैसा जमा कर सकते हैं। पैसा खाता खुलवाने की तारीख से 15 साल तक lock रहता है। हर साल कम से कम 500 रुपए जमा करना जरूरी होता है। इसमें जमा रकम Section 80 C के तहत टैक्स छूट मिलती है।
Tax Deductions Section 80C - सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट
Tax Deductions Section 80C
सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट
Income Tax Act के Section 80 C के तहत कुछ निवेशों निवेशों और खर्चों पर टैक्स नहीं भरना पड़ता है। सेक्शन 80C के तहत कुल छूट 1.5 लाख रुपए तक ही ली जा सकती है। इस सीमा में समय-सयम पर बदलाव होते रहते हैं।
कृषि आय - Agriculture Income
कृषि आय - Agriculture Income
कृषि भूमि से होने वाली income पर किसी तरह का tax नहीं लगता है। इसमें उससे होने वाली उपज, उससे किराए के रूप में मिलने वाली रकम भी शामिल है। Agricultural Formबनाकर की जाने वाली खेती से प्राप्त Incomeभी इस छूट की हकदार है।
विरासत या वसीयत में मिली संपत्ति - Property Through Inheritance Or Will
विरासत या वसीयत में मिली संपत्ति
Property Through Inheritance Or Will
आपको अपने माता-पिता से विरासत में मिली Property, जेवर या Cash पर किसी तरह का Tax नहीं लगता। इसी तरह वसीयत के माध्यम से मिलने वाली Property या Cash रकम भी Tax Free Income मानी जाती है। हां, ऐसी Propertyसे आगे जो कमाई या ब्याज आदि आपको मिलेगा, उस पर Tax Slab के अनुसार टैक्स देना पड़ेगा।
वीआरएस में मिली राशि- Amount As VRS
वीआरएस में मिली राशि- Amount As VRS
अगर आपने VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लिया है तो आपको मिली 5 लाख रुपए तक की रकम Taxछूट की हकदार है। हालांकि यह सुविधा सिर्फ केवल सरकारी या Public Sector में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए ही है, Private कंपनी के कर्मचारियों के लिए नहीं।
जीवन बीमा क्लेम या मेच्योरिटी राशि - Life Insurance Claim Or Maturity Amount
जीवन बीमा क्लेम या मेच्योरिटी राशि
Life Insurance Claim Or Maturity Amount
अगर आपने Life Insurance करवाया है तो आपके Claim या Maturity पर मिलने वाली राशि पूरी तरह Tax छूट की हकदार होती है। शर्त यह है कि उसका प्रीमियम Sum Assured के 10 फीसदी से अधिक न हो। इससे अधिक का Premium होने पर अतिरिक्त रकम पर टैक्स देना होगा। अगर Insurance Policy आपने परिवार के किसी विकलांग या गंभीर बीमारी से ग्रस्त सदस्य के लिए ली है तो प्रीमियम राशि Sum Assured का 15 फीसदी भी हो सकती है।
Interest On NRE Saving and FD Account
Interest On NRE Saving and FD Account
एनआरई सेविंग और एफडी एकाउंट का ब्याज
अगर आप NRI हैं तो आपके एनआरई (Non Resident External) एकाउंट पर मिलने वाला ब्याज भी भारत में पूरी तरह टैक्स छूट के तहत आता है। इसमें Saving Account और FD (फिक्स डिपॉजिट) दोनों तरह के खातों का ब्याज शामिल है। NRE Account में जमा राशि पर कोई Tax न लगने के कारण इस पर TDS भी नहीं कटता। यह सुविधा Singapore, UAE जैसे देशों में रहने वाले भारतीयों के लिए खास उपयोगी है, क्योंकि इन देशों में बहुत कम ब्याज दर (2 से 3 फीसदी) पर Loanमिल जाता है। इस लोन को भारत में NRE Account के तहत जमा करने पर बेहतर ब्याज मिल जाता है और Tax भी नहीं देना पड़ता।
बचत खाते का ब्याज - Interest On Saving Account
बचत खाते का ब्याज - Interest On Saving Account
आपके Saving Account पर 10,000 रुपए तक के सालाना ब्याज पर टैक्स नहीं लगता। अगर यह 10,000 रुपए से ज्यादा है तो अतिरिक्त रकम पर टैक्स देना होगा।- Section 80 TTA
शादी/विवाह में मिले गिफ्ट - Gifts on Marriage
शादी/विवाह में मिले गिफ्ट - Gifts on Marriage
शादी-विवाह में दोस्तों और रिश्तेदारों से मिले Gifts पर आपको किसी तरह का टैक्स अदा नहीं करना पड़ता है। बशर्ते ये उपहार उस Date के आसपास मिलने चाहिए, जिस Dateको आपकी शादी हो। ऐसा नहीं हो कि शादी 16 मार्च को हो और Gift साल-छह महीने बाद में दिया जाए। हां इन Giftsकी कीमत 50,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। इससे ज्यादा का होने पर वो Giftभी टैक्स के दायरे में आ जाएगा।
Interest Rate of EPF
Interest Rate of EPF
EPF यानी Employee Provident Fund (कर्मचारी भविष्य निधि, भारत सरकार की ओर से निजी क्षेत्र (Private Secton) के कर्मचारियों के लिए चलाई जा रही अनिवार्य बचत योजना है। मौजूदा सभी बचत योजनाओं में EPF की ब्याज दर सबसे अधिक है। क्योंकि, सामाजिक (Social) व राजनैतिक (Political) हितों को देखते हुए Government इसे कर्मचारियों के लिए ज्यादा से ज्यादा लाभदायक (Beneficial) बनाने की कोशिश करती है
2019 में पोस्ट ऑफिस स्कीम के
2019 में पोस्ट ऑफिस स्कीम के
Interest Rate (PPF, NSC, SCSS and Sukanya)
पोस्ट ऑफिस स्माल सेविंग स्कीम की नई दरें आ गई हैं। ये दरें साल 2019 के पहले तीन महीनों के लिए हैं। पीपीएफ, NSC, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम, मंथली इनकम स्कीम, सुकन्या समृद्धि स्कीम और पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट की ब्याज दरें सरकार तय करती है। सरकार हर तीन महीने में इन स्कीम की दरों की समीक्षा करती है। इस बार की समीक्षा में सिर्फ टाइम डिपॉजिट की दरों में बदलाव किया गया है। बाकी सभी स्कीमें पहले की तरह ब्याज देती रहेंगी
एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट का फायदा किसे
एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट का फायदा किसे
Who can claim deduction under Section 80E
सिर्फ ऐसे individuals जिन्हें education loan पर ब्याज चुकाना पड़ रहा है, वही इस Tax छूट का फायदा उठा सकते हैं। HUF इसका फायदा नहीं ले सकते। और भी अन्य किसी Category के लोग इस Tax छूट के हकदार नहीं हैं।
आप Higher studies के लिए education loan पर टैक्स छूट खुद के लिए, पति या पत्नी के लिए, अपने बेटे—बेटियों के लिए प्राप्त कर सकते हैं। किसी ऐसे व्यक्ति के लिए education loan पर भी ये छूट तभी पा सकते हैं, जबकि आप उसके legal guardian हों। अपने भाई—बहन, सगे संबंधी या रिश्तेदार के बच्चों के लिए नहीं।
education loan में टैक्स छूट का हकदार वही व्यक्ति होगा, जिसके नाम पर education loan मंजूर हुआ होगा। यानी कि आप अपने बच्चे के लिए education loan अपने नाम से मंजूर कराते हैं तो आपको ही loan पर टैक्स छूट पाने का हक होगा, आपके बच्चे को नहीं। क्योंकि loan की किस्तें आपको ही चुकानी होती हैं।
deduction Under Section80E
deduction Under Section80E
बेहतर शिक्षा की राह आसान बनाने के लिए Income Tax के नियमों मे कई छूट दे रखी हैं। इन्हीं में से एक नियम है Income Tax Act of India, 1961 का Section 80 E। इसके तहत कोई भी व्यक्ति जो Education loan लेकर अपनी Higher Study पूरी करता है। वह अपनी कमाई में से टैक्स भरने के दौरान Education loan के पूरे ब्याज पर पूरी टैक्स छूट पाने का हकदार होगा।
नोट: Higher Studies पूरी करने के बाद जैसे ही आप कमाना शुरू करते हैं, Education loan की Installment जमा होनी शुरू हो जाती हैं। इस loan लोन को आप उसके मूलधन (principal amount) और ब्याज को मिलाकर बनी किस्तों में चुकता करते हैं। यहां ब्याज वाला हिस्सा ही Section 80E के तहत टैक्स छूट का हकदार होता है।
गंभीर बीमारी से ग्रस्त आश्रित के उपचार पर खर्च - Deduction under Section 80DDB
गंभीर बीमारी से ग्रस्त आश्रित के उपचार पर खर्च
Deduction under Section 80DDB
अगर आप खुद या आपके आश्रित परिवार में किसी को AIDS, Cancer, Perkinson जैसी गंभीर रूप से खतरनाक बीमारी हो जाती है तो इनके Treatment पर आने वाला 40 हजार रुपए तक का खर्च Tax छूट के अंतर्गत आता है। अगर Taxpayer 60 वर्ष के ऊपर है तो उसे यह छूट 60 हजार रुपए तक के खर्च पर ले सकता है। अगर वह 80 वर्ष से ज्यादा उम्र का है तो उसे इस मद में 80 हजार रुपए तक के खर्च पर यह छूट मिल सकती है।
Deduction under Section 80DD
Deduction under Section 80DD
अगर आपके Parent, पति या पत्नी, बच्चे किसी विकलांगता के शिकार हैं जो उनकी देखभाल और इलाज आदि पर खर्च की गई 75 हजार रुपए तक की रकम Section 80DD के तहत टैक्स छूट की हकदार होती है। गंभीर विकलांगता की स्थिति में यह छूट 1.25 लाख रुपए तक की रकम पर मिल सकती है।
मेडिकल या हेल्थ इंश्योरेंस - Deduction under Section 80D
Deduction under Section 80D
आप खुद पर, पति पत्नी, बच्चों और माता-पिता या अभिभावक का Health Insurance करवाते हैं तो इसके लिए जो Premium आप जमा करते हैं, उस पर Section 80D के तहत टैक्स छूट मिलती है।
General Taxpayer अपनी पत्नी बच्चों ओर खुद के लिए सालाना 25 हजार रुपए तक के Premium पर यह छूट पा सकता है। Senior Citizen के लिए यह छूट 30 हजार रुपए तक के Premium पर मिलती है।
Parents या अभिभावकों का Health Insurance करवाने पर अलग से 25 हजार रुपए तक के सालाना प्रीमियम पर टैक्स भरने की छूट मिलती है। माता-पिता की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा हो तो यह छूट भी बढ़कर 30 हजार रुपए सालाना प्रीमियम पर लागू होती है।
पहली बार घर खरीदने पर टैक्स छूट - Deduction under Section 80EE
पहली बार घर खरीदने पर टैक्स छूट
Deduction under Section 80EE
अगर आपने Home loan लेकर पहली बार घर खरीदा है तो 50 हजार रुपए की और रकम पर आप Section 80EE के तहत Tax से छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह छूट Section 24B के तहत दो लाख रुपए तक के ब्याज पर Tax छूट से अलग होगी। बशर्ते Loan मंजूर होने की तिथि तक आवेदक के पास खुद की कोई residential property न हो। इस Rule का फायदा लेने के लिए जरूरी है कि खरीदा गया घर 50 लाख रुपए से ज्यादा का न हो और उसके लिए लिया गया लोन 35 लाख रुपए से ज्यादा का न हो। साथ ही वह Property 1 अप्रैल 2016 के बाद खरीदी गई हो।
नए वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार ने 4 प्रतिशत सेस
नए वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार ने 4 प्रतिशत सेस
नए वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार ने 4 प्रतिशत सेस (Education And Health Cess के नाम से) अनिवार्य कर लिया है। पिछले वित्त वर्ष (2017-18) में यह 3 प्रतिशत था, Education Cess के नाम से।
कमलेश के मामले में उसके 1,30,500 रुपए टैक्स पर 4 प्रतिशत के हिसाब से Cess बनेगा 5,220 रुपए। इस Cess को टैक्स में जोड़ देने पर हुआ 1,30,500+5,220 = 1,35,720 रुपए। यानी कि कमलेश को अंतिम रूप से 1,35,720 रुपए सरकार को Tax के रूप में चुकाने होंगे।
Surcharge
Surcharge
सरकार उन taxpayers की टैक्स देनदारी पर (आमदनी पर नहीं) 10 प्रतिशत सरचार्ज अलग से वसूल करती है, जिनकी सालाना आमदनी 50 लाख रुपए से 1 करोड़ है।
सालाना आमदनी 1 करोड़ से ज्यादा होने पर सरचार्ज की मात्रा कुल टैक्स देनदारी का 15 प्रतिशत हो जाती है।
Rebate u/s 87A
Rebate u/s 87A
सरकार ऐसे करदाताओं (taxpayers) को टैक्स देनदारी में 2500 रुपए तक की सीधी छूट (rebate) अलग से देती है, जिनकी सालाना आमदनी 3.5 लाख रुपए से कम है। हालांकि, अपने उदाहरण में कमलेश की सालाना आमदनी इससे ज्यादा है, इसलिए उसे इस रिबेट का फायदा नहीं मिल सकेगा।
वित्तीय वर्ष 2018-19 के tax slab के अनुसार
वित्तीय वर्ष 2018-19 के tax slab के अनुसार
Rs. 10,60,000
वित्तीय वर्ष 2018-19 के tax slab के अनुसार हर व्यक्ति की शुरुआती 2.5 lakh रुपए तक की आमदनी पर 0% tax रेट है। यानी कि इस हिस्से पर कोई टैक्स नहीं लगना है। कमलेश की आमदनी के इस हिस्से पर टैक्स बना=00 (शून्य रुपए)
1. इससे ऊपर जो 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक के बीच पड़ने वाली रकम है, उस पर 5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगना है। इस स्लैब के अंदर कमलेश के 2.5 लाख रुपए पड़ते हैं कमलेश की आमदनी के इस हिस्से पर टैक्स बना=12500 रुपए
2. अब कमलेश के पास बचते हैं 5.60 लाख रुपए। अगला स्लैब से 5 से 10 लाख रुपए का, जिसमें कमलेश के 5 लाख रुपए पड़ते हैं। इन पर पर 20 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स लगता है। कमलेश की आमदनी के इस हिस्से पर टैक्स बना=1,00,000 रुपए
3. बाकी बचे 60 हजार रुपए अगले 30 प्रतिशत वाले स्लैब में चले जाएंगे। जिसमें 10 लाख से ऊपर की सारी रकम रखी जानी है। इसका भी टैक्स निकाल लीजिए। कमलेश की आमदनी के इस हिस्से पर टैक्स बना=18000 रुपए
4. ऊपर के चारों स्लैब के अनुसार अपनी इनकम के हिस्सों पर निकले टैक्स को जोड़ लीजिए। कमलेश के मामले में इनका योग होता है=1,30,500रुपए
Apply Tax Deductions
Apply Tax Deductions
डिडक्शन का उपयोग करें
आपके पास टैक्स कटौती tax deduction के रूप में taxable income को घटाने का मौका होता है। सरकार आपके कुछ तरह के निवेशों पर tax deductions की छूट देती है। जैसे कि EPF, PPF, NPS, NSC, Insurance, ELSS वगैरह।
Income Tax Act के तहत section 80C, 80D, 80E and 80G वगैरह ऐसे प्रावधान (Provisions) हैं, जिनसे आप अपने विभिन्न निवेशों (Investments) पर टैक्स छूट (tax benefit) प्राप्त करते हैं। हालांकि, इन सभी मदों में Investment की एक सीमा तक ही टैक्स कटौती (Tax Deductions) लागू होती है।
नोट: वित्तीय वर्ष 2018-19 से सेलरी पाने वााले करदाताओं (salaried taxpayer) को 40,000 रुपए के standard deduction की छूट दी गई है। यानी सेलरी पाने वालों की Income पर टैक्स की गणना के पहले ही सीधे-सीधे 40 हजार रुपए बाहर कर दिए जाएंगे। बची हुई Salary पर ही टैक्स की गणना की जाएगी।
House Rent Allowance under Section 10 (13A)
House Rent Allowance under Section 10 (13A)
Tax छूट वाली रकम क्या होगी यह इन तीन स्थितियों की तुलना करने पर निकाली जाएगी।
1. साल भर में दिया गया किराया- Basic Salary+ महंगाई भत्ता का 10 प्रतिशत
2. HRA के रूप में आपको सरकार/ कंपनी से मिलने वाली रकम
3. आपकी Basic Salary का 40 व महंगाई भत्ता (मेट्रो सिटी में रहने वालों के लिए बेसिक सेलरी का 50 प्रतिशत और महंगाई भत्ता)
इन तीनों Option में जो भी सबसे कम होगा, उस रकम पर आप Income Tax में छूट के लिए Claim कर सकते है।
Employees’ Provident Fund (EPF)
Employees’ Provident Fund (EPF)
Employees’ Provident Fund (EPF), Public Provident Fund (PPF), Sukanya Samriddhi Yojana, National Savings Certificate और tax-saving fixed deposits आदि। इनके माध्यम से की गई बचतों पर Section 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा मिलता है।
Life Insurance Premium
Life Insurance Premium
Life Insurance Premium, नेशनल पेंशन स्कीम औरTax Saving Mutual Funds (ELSS)आदि में जमा आपकी कुल 1.5 लाख रुपए तक की रकम टैक्स छूट की हकदार होती है।
दो बच्चों की पढ़ाई में Tution Fee का हिस्सा
दो बच्चों की पढ़ाई में Tution Fee का हिस्सा, Home Loan की किस्त में शामिल मूलधन का हिस्सा, घर की खरीद में जो आप Stamp Duty और Registration Charge अदा करते हैं, इन सब पर भी आप Section 80C के तहत टैक्स से छूट के लिए Claim कर सकते हैं।
नेशनल पेंशन स्कीम में जमा रकम - Deductions under Section 80CCD(1B)
नेशनल पेंशन स्कीम में जमा रकम
Deductions under Section 80CCD(1B)
National Pension Scheme के तेहत 1 एकाउंट में जमा की गई 50 हजार रुपए तक की रकम पर आपको Tax छूट का लाभ मिलता है। यह छूट Section 80C के तहत निवेश के अलावा होती है। यह छूट सभी Tax Slab के अंतर्गत आने वाले TaxPayers को मिल सकती है।
होम लोन के ब्याज परटैक्स छूट - Deduction under Section 24B
होम लोन के ब्याज परटैक्स छूट
Deduction under Section 24B
आपने घर बनाने के लिए अगर बैंक से Loan लिया है तो इसके 2 लाख रुपए तक के ब्याज पर आपको Section 24B के तहत Tax भरने से छूट मिलती है।
इसी प्रकार home improvement loan के रूप में लिए गए 30 हजार रुपए तक की रकम पर भी Tax से छूट मिलती है।
House Rent Allowance
House Rent Allowance
एचआरए या हाउस रेंट अलाउंस
अगर आप किराए के मकान में रहते हैं तो सरकार/ कंपनी की ओर से आपको मिलने वाला HRA या House Rent Allowance भी Tax छूट के योग्य होता है। यह आपके निवास संबंधित शहर के मुताबिक Basic Salary का 40 से 50 फीसदी तक हो सकता है। टैक्स में छूट के लिए तीन Conditionsकी तुलना की जाती है। HRA के रूप में मिलने वाली रकम, आपकी Salaryका 40 प्रतिशत, आपके अदा किए गए किराए से Salaryका 10 फीसदी घटाकर। तीनों में जो Amount सबसे कम होगी, उस पर आप Tax से छूट प्राप्त कर सकते हैं।
मोबाइल और इंटरनेट बिल
मोबाइल और इंटरनेट बिल
Mobile And Internet Bill
आपको Job के दौरान Communication और सूचना के माध्यम के रूप में जो Telephone, मोबाइल, इंटरनेट आदि के लिए खर्च Company की ओर से मिलता है, उस पूरी राशि को आप Tax छूट के लिए claim कर सकते हैं। इस छूट के लिए इन खर्चों को दर्शाने वाला आपका Postpaid Bill ही मान्य होगा।
मेडिकल रिएम्बर्समेंट
मेडिकल रिएम्बर्समेंट
Medical Reimbursement
कंपनी की ओर से आपके और आपके Familyके सदस्यों पर हुए दवाओं और इलाज के खर्च के लिए जो Medical Reimbursement मिलता है, वह भी पूरी तरह Tax छूट के योग्य होता है। इस की Limit 15000 रुपए सालाना तक ही है। आपको Company के HRविभाग में समुचित Billभी पेश करना होगा।
ट्रांसपोर्ट एलाउंस
ट्रांसपोर्ट एलाउंस
Transport Allowance
आपको अपने निवास से Office या कार्यस्थल पर आने और कार्यस्थल से Residence तक जाने के लिए कंपनी की तरफ से जो Transport Allowance मिलता है, वह भी Tax छूट के योग्य होती है। आपकी Salary में उल्लिखित Amountपर यह छूट मिलती है जो 1600 रुपए महीने या ₹19,200 से अधिक नहीं हो सकती।
यह अब 2018-2019 से सरकारी कर्मचारी को नही मिलेगा
बच्चों की पढ़ाई व हॉस्टल खर्चे पर एलाउंस
बच्चों की पढ़ाई व हॉस्टल खर्चे पर एलाउंस
Children’s Study Allowance
अगर आपको Employerकी ओर से आपके बच्चों की Study के लिए भत्ता दिया जा रहा है तो यह भी टैक्स से छूट योग्य माना जाएगा। हालांकि इसकी Limit प्रति बच्चा 100 रुपए और वह भी दो बच्चों तक ही है। साथ ही अगर Hostel के खर्च के लिए अगर Allowance मिल रहा है तो उस पर भी टैक्स छूट मिलेगी। इस पर टैक्स छूट योग्य खर्च की Limit 300 रुपए महीना है, जो दो बच्चों तक ही मिलेगी। ज्यादा खर्च होने पर अतिरिक्त राशि पर Tax लगेगा।
एक सीमा तक सामान्य आमदनी पर भी टैक्स नहीं
एक सीमा तक सामान्य आमदनी पर भी टैक्स नहीं
सरकार आपकी शुरुआती स्तर की सामान्य आमदनी पर भी कोई Tax नहीं लगाती। Tax Slabs में शुरुआती आमदनी की एक limit घोषित की जाती है, जिस पर Tax Rate शून्य (Nill) रहता है। यानी कि उस सीमा में पडने वाली आपकी आमदनी पर कोई Tax नहीं लगेगा।
उदाहरण के लिए, वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 2.5 लाख रुपए तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगना है। senior citizens (60 से 80 वर्ष की उम्र) के लिए यह छूट 3 लाख रुपए तक की कमाई पर है। इसी प्रकार Super senior citizens के मामले में 5 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर कोई Tax नहीं है।
Tuesday, 8 January 2019
धारा 80 सीसीडी
80CCD धारा 80 सीसीडी: पेंशन खाते में योगदान के लिए कटौती
कर्मचारी का योगदान – धारा 80 सीसीडी (1) एक व्यक्ति जो उसकी / उसके पेंशन खाते में जमा करता है की अनुमति देता है , अधिकतम कटौती वेतन या सकल कुल आय का 10% (करदाता एक कर्मचारी होने के मामले में) का 10% है 1,50,000 रुपये जो भी कम हो (किया जा रहा हैं )
एनपीएस के लिए स्वयं योगदान के लिए कटौती – धारा 80 सीसीडी (1 बी) एक नई धारा 80 सीसीडी (1 बी) अपने एनपीएस खाते में एक करदाता द्वारा जमा राशि के लिए अतिरिक्त कटौती के लिए शुरू किया गया है। अटल पेंशन योजना के लिए योगदान भी पात्र हैं। कटौती 50,000 रुपये तक के योगदान पर अनुमति दी है। इस राशि पर सरकार कोई अंशदान जमा नहीं कराती है। यह राशि धारा 80 सी के तहत जमा अधिकतम सीमा 1,50,000 रुपये से बाहर है।
नियोक्ता का योगदान – धारा 80 सीसीडी (2)कटौती कर्मचारी के पेंशन खाते को नियोक्ता के योगदान कर्मचारी के वेतन का 10% करने के लिए अनुमति दी है। इस कटौती पर कोई मौद्रिक सीमा नहीं है। यह राशि धारा 80 सी के तहत जमा अधिकतम सीमा 1,50,000 रुपये से बाहर है।
House Rent Allowance (HRA या एचआरए) मकान किराया भत्ता
HRA आपके वेतन का एक हिस्सा होता है|
एचआरए पर टैक्स बेनिफिट धारा 10 (13A) और आयकर अधिनियम के नियम 2A के तहत मिलता है।
ध्यान दें पूरा HRA टैक्स-मुक्त नहीं होता है| कुछ ही हिस्से पर छूट मिलती है|
ध्यान दें पूरा HRA टैक्स-मुक्त नहीं होता है| कुछ ही हिस्से पर छूट मिलती है|
तीन संख्यायों का पता लगायें|
- House Rent Allowance (HRA या मकान किराया भत्ता)
- Rent – 10% of Basic Salary (किराया – मूल वेतन का 10%)
- 40% of Basic Salary. If you are staying in a metro city, 50% of Basic Salary (मूल वेतन का 40%), यदि आप मेट्रो शहर (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता) में रह रहे हैं तो सीमा 50% मूल वेतन है)
इन तीन संख्यायों में जो सबसे कम है, उस पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है|
- स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction)मोटा-मोटी तौर पर एक निश्चित राशि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 40,000 है, जो टैक्स योग्य आय की गणना से पहले आपकी सैलरी से काट ली जाती है. यह साल 2005-06 तक आयकर अधिनियम का हिस्सा था, जब तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने इसे हटा दिया था.
- धारा 87A के अंतर्गत छूट : छूट निवासी व्यक्ति के लिए उपलब्ध होती हैं यदि उसकी कुल आय रू. 3,50,000 से अधिक न हो। छूट की राशि आयकर का 100 % अथवा 2,500 रू. जो भी कम हो, होगी
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