Thursday, 28 March 2013

Sumannow सफ़र ज़िन्दगी का

 
http://sumannow.blogspot.in/2013/02/blog-post.html

 
" सफ़र ज़िन्दगी का "
ज़िन्दगी शब है ,

पतझड़ है ,

दर्द की शहनाई है |

ग़र एक भी लम्हा जो मिले--

भोर का ,

बहार का ,

तबस्सुम का |

उसे अपने आंचल में सँजो लो --

जतन से ,

करम से ,

उमंग से |

तब जीने का बहाना ,

हमें फ़िर मिलेगा |

मौज़ों में कटेगा ,

सफ़र ज़िन्दगी का |

No comments:

Post a Comment