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" सफ़र ज़िन्दगी का "
ज़िन्दगी
शब है ,
पतझड़
है ,
दर्द
की शहनाई है |
ग़र
एक भी लम्हा जो मिले--
भोर
का ,
बहार
का ,
तबस्सुम
का |
उसे
अपने आंचल में सँजो लो --
जतन
से ,
करम
से ,
उमंग
से |
तब
जीने का बहाना ,
हमें
फ़िर मिलेगा |
मौज़ों
में कटेगा ,
सफ़र
ज़िन्दगी का |
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