दो ज्ञानी लोग
जब दो ब्राह्मण या ज्ञानी लोग बात कर रहे हों तो उनके बीच में से निकलना
नहीं चाहिए। एक पुरानी कहावत है ज्ञानी से ज्ञानी मिलें करें ज्ञान की बात।
यानी जब दो ज्ञानी लोग मिलते हैं तो वे ज्ञान की बातें ही करते हैं। अत:
ऐसे समय में उनकी बातचीत में बाधा उत्पन्न नहीं करना चाहिए।
ब्राह्मण और अग्नि
यदि किसी स्थान पर कोई ब्राह्मण अग्नि के पास बैठा हो तो इन दोनों के बीच
में से भी नहीं निकलना चाहिए। ऐसी परिस्थिति में यह संभव है कि वह ब्राह्मण
हवन या यज्ञ कर रहा हो और हमारी वजह से उसका पूजन अधूरा रह सकता है।
मालिक और नौकर
जब स्वामी और सेवक बातचीत कर रहे हों तो उनके बीच में से भी निकलना नहीं
चाहिए। हो सकता है कि स्वामी अपने सेवक को कोई जरूरी काम समझा रहा हो। ऐसे
समय पर यदि हम उनके बीच में निकलेंगे तो मालिक और नौकर के बीच संवाद बाधित
हो जाएगा।
पति और पत्नी
यदि किसी स्थान पर कोई पति-पत्नी खड़े हों या बैठे हों तो उसके बीच में
नहीं निकलना चाहिए। यह अनुचित माना गया है। ऐसा करने पर पति-पत्नी का एकांत
भंग होता है। हो सकता है पति-पत्नी, घर-परिवार की किसी गंभीर समस्या पर
चर्चा कर रहे हों या निजी बातचीत कर रहे हों तो हमारी वजह से उनके निजी
पलों में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
हल और बैल
कहीं हल और बैल, एक साथ दिखाई दें तो उनके बीच में से नहीं निकलना चाहिए।
यदि इनके बीच में निकलने का प्रयास किया जाएगा तो चोट लग सकती है। अत: हल
और बैल से दूर रहना चाहिए।
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