एच.आई.वी.और एड्स में अंतरः
एच.आई.वी. एक वायरस है जो रक्त में उपस्थित श्वेत रक्त कोशिकाओं, जिन्हें सी.डी.-4 कोशिकाएं भी कहा जाता है, को नष्ट करता है. अतः एच.आई.वी. उन कोशिकाओं को नष्ट करता है जिसपर शरीर की रोगों से लडने की क्षमता निर्भर करती है. जिस व्यक्ति को एच. आई. वी. का संक्रमण होता है उसे एच.आई. वी. पोजिटिव कहा जाता है. जैसे-जैसे, संक्रमण के कारण, सी.डी.-4 कोशिकाओं की संख्या कम होते जाती है व्यक्ति की रोगों से लडने की क्षमता कम होते जाती है और वह बीमार होने लगता है. इस अवस्था को अवसरवादी संक्रमण की अवस्था कहते हैं. जब श्वेत रक्त कोशिकाओं में सी.डी.-4 का स्तर एक निश्चित स्तर से कम हो जाता (200 प्रति क्यूबीक मिलीमीटर) तब कहा जा सकता है कि व्यक्ति को एड्स हो गया है.
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