परामर्श एवं मार्गदर्शन
एच.आई.वी एक लाईलाज बिमारी है तथा इसके संदर्भ में समाज में अनेक तरह की भ्रांतियां फैली हुई है जिसके कारण एच.आई.वी के जॉंच तथा उसका परिणाम देते समय परामर्श एवं मार्गदर्शन का महत्व काफी बढ जाता है.
जॉंच के पूर्व परामर्शः
जॉंच के पूर्व परामर्श व्यक्ति को एच.आई.वी. संक्रमण के सकारात्मक एवं नकारात्मक परिणाम का अर्थ, उसका असर तथा जांच के विधियों पर विचार - विमर्श करने का अवसर प्रदान कराना है.
इसके अलावां परामर्श दाता उन तरीकों पर भी विचार-विमर्श करता है जो भविष्य में व्यक्ति को एच.आई.वी. संक्रमण से बचने में मदद कर सके
जॉंच उपरांत परामर्शः
उन समस्त व्यक्तियों को जिनका एच.आई.वी. टेस्ट हुआ है, जांच के उपरांत परामर्श देना आवश्यक होता है चाहे परिणाम सकारात्मक या नकारात्मक रहा हो. यदि परिणाम नकारात्मक रहा हो तो व्यक्ति को उन सारे विषयों की जानकारी दी जाती है जो उसे भविष्य में संक्रमण से बचाए रखने में मदद करता है. सकारात्मक परिणाम होने पर व्यक्ति को इस परिणाम को स्वीकार्य करने तथा उसके अनुरुप अपने भावी जिंदगी को जीने के लिए तैयार किया जाता है.
उसे यह भी जानकारी दी जाती है कि कैसे वह अपने शरीर में संक्रमण की स्थिति को कम रख सकता है और दूसरों मे संक्रमण के फैलाव को रोक सकता है. इसके अलावां परामर्श केन्द्र पर उन सभी प्रश्नों का भी समुचित समाधान किया जाता है जो जांच के लिए आए व्यक्ति के मन मे उठता है
एच.आई.वी एक लाईलाज बिमारी है तथा इसके संदर्भ में समाज में अनेक तरह की भ्रांतियां फैली हुई है जिसके कारण एच.आई.वी के जॉंच तथा उसका परिणाम देते समय परामर्श एवं मार्गदर्शन का महत्व काफी बढ जाता है.
जॉंच के पूर्व परामर्शः
जॉंच के पूर्व परामर्श व्यक्ति को एच.आई.वी. संक्रमण के सकारात्मक एवं नकारात्मक परिणाम का अर्थ, उसका असर तथा जांच के विधियों पर विचार - विमर्श करने का अवसर प्रदान कराना है.
इसके अलावां परामर्श दाता उन तरीकों पर भी विचार-विमर्श करता है जो भविष्य में व्यक्ति को एच.आई.वी. संक्रमण से बचने में मदद कर सके
जॉंच उपरांत परामर्शः
उन समस्त व्यक्तियों को जिनका एच.आई.वी. टेस्ट हुआ है, जांच के उपरांत परामर्श देना आवश्यक होता है चाहे परिणाम सकारात्मक या नकारात्मक रहा हो. यदि परिणाम नकारात्मक रहा हो तो व्यक्ति को उन सारे विषयों की जानकारी दी जाती है जो उसे भविष्य में संक्रमण से बचाए रखने में मदद करता है. सकारात्मक परिणाम होने पर व्यक्ति को इस परिणाम को स्वीकार्य करने तथा उसके अनुरुप अपने भावी जिंदगी को जीने के लिए तैयार किया जाता है.
उसे यह भी जानकारी दी जाती है कि कैसे वह अपने शरीर में संक्रमण की स्थिति को कम रख सकता है और दूसरों मे संक्रमण के फैलाव को रोक सकता है. इसके अलावां परामर्श केन्द्र पर उन सभी प्रश्नों का भी समुचित समाधान किया जाता है जो जांच के लिए आए व्यक्ति के मन मे उठता है
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