एच. आई. वी. का संक्रमण शरीर में कैसे होता है?
एच.
आई. वी. का
वायरस मानव शरीर में
वीर्य, योनि द्रव्य और
रक्त के माध्यम से
फैलता है. संक्रमित व्यक्ति के
शारीरिक द्रव्यों का अन्य व्यक्ति के
रक्त के साथ
संपर्क होने से एच.आई. वी. संक्रमण होने
की संभावना होती
है, जो निम्नलिखित प्रकार से
हो सकता हैः
असुरक्षित संभोग सेः
स्त्री के योनि क्षेत्र तथा
पुरुष के प्रजनन अंगों की
बनावट ऐसी होती है
जिससे होकर आसानी से
एच.आई.वी.
संक्रमण शरीर के अंदर
प्रवेश कर सकता है.
इसके अलावां प्रजनन एवं
यौन अंगों के
आस -पास रक्त
का संचार काफी
अधिक होता है
जिससे एच.आई.वी.
संक्रमण का रक्त मे
मिल जाने की
संभावना काफी अधिक हो
जाती है.
इसके अतिरिक्त योनि या शिश्न का कोई भाग कट या फट गया हो और इस हालात में असुरक्षित संभोग किया जाए तो व्यक्ति के एच् आई वी संक्रमित होने की संभावना काफी अधिक हो जाती है. अतः एच.आई.वी. से बचाव के लिए हमेशा सुरक्षित संभोग की सलाह दी जाती है, जिसमें संक्रमित व्यक्ति का शारीरिक द्रव्य दूसरे यौन साथी के शरीर में न जा पाए. संक्रमित रक्त व रक्त उत्पाद के उपयोग सेः यदि किसी व्यक्ति को एच.आई.वी. संक्रमित रक्त या रक्त उत्त्पाद चाढाया जाए तो उसका एच.आई. वी. संक्रमित होना लगभग निश्चित है. हालांकि, आजकल रक्त काफी सुरक्षित है क्योंकि उसकी पर्याप्त जांच की जाती है पर यह आवश्यक है कि रक्त उस स्थान से लिया जाए जो सरकार द्वारा स्थापित मानदण्डों के अनुसार रक्त की जांच करते हों. संक्रमित सूईयों के पुनः इस्तेमाल सेः यदि कोई व्यक्ति ड्रग लेते समय या इंजेक्शन लेते समय ऐसी सूईयों का इस्तेमाल करे जिसे किसी एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति ने पहले से उपयोग किया हो तो संक्रमण के फैलने का खतरा काफी अधिक होता है. अतः सुरक्षा की दृष्टि से यह आवश्यक है कि सूईयों का पुनः ईस्तेमाल न किया जाए और अन्य चिकित्सीय उपकरणों को पुनः उपयोग के पूर्व शुद्ध् किया जाए. बच्चे को संक्रमित मां सेः एच.आई.वी. संक्रमित मां से अजन्मे बच्चे में संक्रमण फैलने की संभावना लगभग 30 प्रतिशत होती है. वायरस, संक्रमित मां से बच्चे में अनेक परिस्थितियों में पहुच सकता है, जैसेः गर्भावस्था के दौरानप्रसव के दौरान ( इस समय संक्रमण की सबसे ज्यादा संभावना रहती है) स्तनपान के दौरान ( संक्रमित दूध से बच्चे मे संक्रमण फैलने की संभावना होती है) |
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