Monday, 15 April 2013

मांता पिता से शिशु में एच.आई.वी. संक्रमण से बचावः

मांता पिता से शिशु में एच.आई.वी. संक्रमण से बचावः
नवजात बच्चे में एच.आई.वी. संक्रमण के भयावहता को देखते हुए आवश्यकता महसूस की गयी की इस दिशा में कुछ प्रभावी कदम उठाए जाएं. बच्चों मे संक्रमण मुख्यतः दो कारणों से होते हैं
1.
प्रसव के समय  बच्चे को संक्रमित मां का दूध पिलाते समय शुरुआत में इस कार्यक्रम को माता से बच्चे में संक्रमण से बचाव कार्यक्रम के रुप में जाना जाता था पर यह देखा गया कि माताओं में संक्रमण के मुख्य कारण उनके पति हीं होते हैं. अतः पिता का भी बच्चों मे एच.आए.वी.संक्रमण फैलाने में मुख्य भूमिका होता है जिसके फलस्वरुप इस कार्यक्रम का नाम माता-पिता से बच्चे में एच.आई.वी. संक्रमण का रोकथाम रखा गया. आंकडों के अनुसार संक्रमित मां से बच्चे में एच.आई.वी. के संक्रमण की संभावना लगभग 30 प्रतिशत होती है. जिससे प्रतिवर्ष करीब 24,000 एच.आई.वी. संक्रमित बच्चों का जन्म होता है. परन्तु, मां से बच्चे में एच.आई.वी. संक्रमण को रोकने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम पर समुचित ध्यान दिया जाए तो संक्रमण का स्तर 2-3 प्रतिशत तक किया जा सकता है. अतः इस दिशा में कुछ प्रभावशाली कदम निम्नलिखित हो सकते हैं.

1.     संक्रमित महिला गर्भावस्था के दौरान संक्रमित साथी से असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने से बचें. इससे संक्रमण फैलने का खतरा और ज्यादा हो जाता है.
नियमित रुप से स्वास्थ्य केंन्द्र पर जाएं तथा जच्चा -बच्चा जांच कराएं.
3.
बच्चे को माता के दूध के अलावां अन्य दूध से संक्रमण की संभावना अधिक होती है अतः एच.आई.वी.संक्रमित माताओं को सुझाव दिया जाता है कि चिकित्सक की देखरेख में अपने बच्चे को स्तन पान कराएं.

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