Tuesday, 26 February 2019

What is Section 87a In Income Tax Act

What is Section 87a In Income Tax Act आयकर की धारा 87 a क्या हैँ ? आयकर की धारा 87a, प्रत्येक ऐसे भारतीय नागरिकों को इनकम टैक्स में 12500 रुपए तक की रिबेट (टैक्स गणना के बाद की छूट) प्रदान करती है, जिनकी सालाना कुल आय (टैक्सेबल आय) 5 लाख रुपए तक हो (अधिक न हो)।

धारा 80 जीजीए

धारा 80 जीजीए क्या है? टैक्स छूट कितनी What is Section 80GGA? Tax Benefit? इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80 जीजीए इस प्रकार के दानों पर टैक्स छूट प्रदान करती है, जो वैज्ञानिक अनुसंधानों scientific research या ग्रामीण विकास rural development के लिए दिए गए हों। किसी भी श्रेणी में आने वाले करदाता, इस टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। ऐसे लोग नहीं ले सकते, जिनकी आय बिजनेस या किसी पेशे से होती है इस तरह की संस्थाओं को दिए गए दान का पूरा का पूरा हिस्सा (100% of the amount donated) टैक्स छूट का हकदार होता है। इस तरह का दान या चंदा चेक, ड्राफट, नकदी या डिजिटल पेमेंट किसी भी माध्यम से दिया जा सकता है। लेकिन, 10 हजार रुपए से अधिक का दान नकदी .cash . के रूप में टैक्स छूट के लिए मान्य नहीं है। दान देने के संबंध में देनी होती हैं ये जानकारियां 1. दान करने वाले का नाम Name of the donator 2. दान करने वाले का पैन नंबर PAN of the donator 3. दान करने वाले का पता Address of the donator 4 दान या अंशदान की मात्रा Amount of contribution

U/S 80G Donetion

आयकर की धारा 80 जी क्या है? कितनी टैक्स छूट मिलती है? आयकर की धारा 80 जी, आपको सामाजिक, राजनैतिक व जनहितकारी संस्थाओं तथा सरकारी राहत कोषों में दिए गए दान या चंदे पर टैक्स छूट लेेने का अधिकार देती है। लेकिन यह छूट हमेशा हर दान या चंदे पर एक जैसी नहीं होती। यह टैक्स छूट कुछ नियमों व शर्तों के हिसाब से मिलती है, धारा 80 जी के तहत टैक्स छूट पाने का अधिकार हर कैटेगरी के करदाताओं को दिया गया है। चाहे वह व्यक्ति हो परिवार हो, कंपनी या फर्म या अन्य कोई हो। बशर्ते कि उसने निर्धाॉरित नियम कानूनों के तहत दान या चंदा दिया हो। और उसके पास उपयुक्त रसीद या अन्य प्रमाण भी होना चाहिए। यह टैक्स छूट आपकी ओर से दिए गए पूरे दान पर भी मिल सकती है या सिर्फ आधे हिस्से पर किस तरह से दिया गया चंदा छूट के लिए मान्य धारा 80 जी के तहत टैक्स छूट का लाभ सिर्फ उन चंदों या दान के मामले में लिया जा सकता है, जिनमें ये दान पैसों के रूप में दिया गया हो। भले ही वह चेक, ड्राफट, कैश या डिजिटल पेमेंट किसी भी तरीके से दिया गया हो। हालांकि नकदी के रूप में चंदा 10 हजार रुपए से ज्यादा नहीं दिया जा सकता। आप किसी व्यक्ति या संस्था को सामान के रूप में जो मदद, दान या चंदा देते हैं, उन्हें धारा 80 जी के तहत टैक्स छूट के लिए नहीं गिना जाएगा। जैसे कि भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े, दवाइयां वगैरह देना धारा 80 जी के तहत टैक्स छूट के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते। इससे अधिक का दान या चंदा अन्य किसी रिकॉर्डयुक्त माध्यम (चेक, ड्राफ्ट या डिजिटल पेमेंट वगैरह) से ही दिया जा सकता है। दान पर टैक्स छूट की चार श्रेणियां 1,सीमा रहित दान (पूरी आमदनी तक संभव), जिनके 100 प्रतिशत (पूरे) हिस्से पर टैक्स छूट मिलती है 2. सीमा रहित दान (पूरी आमदनी तक संभव), जिनके सिर्फ 50 प्रतिशत हिस्से पर टैक्स छूट मिलती है 3. सीमायुक्त दान (आमदनी के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं), जिनके 100 प्रतिशत हिस्से पर टैक्स छूट है 4. सीमायुक्त दान (आमदनी के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं), जिनके 50 प्रतिशत हिस्से पर टैक्स छूट है सीमारहित दान जिनमें 100 प्रतिशत टैक्स टैक्स छूट 1 राष्ट्रीय सुरक्षा कोष 2. प्रधानमंत्री राष्टीय राहत कोष 3. राष्ट्रीय सांप्रदायिक सौहार्द फाउंडेशन 4. राष्ट्रीय महत्व वाली मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी. शैक्षिक संस्थान 5.जिला सहकारिता समिति 6, सरकारी निर्धन चिकित्सा राहत कोष 7. राष्ट्रीय बीमारी सहायता कोष 8 राष्ट्रीय या राज्यीय रक्त आधान परिषद 9. गंभीर बीमारियोें के लिए गठित राष्ट्रीय कल्याण ट्रस्ट राष्ट्रीय खेल कोष 10. राष्ट्रीय सांस्कृतिक कोष 11.तकनीकी विकास व अनुप्रयोग कोष 12 राष्ट्रीय बाल कोष 13. मुख्यमंत्री राहत कोष 14 उपराज्यपाल राहत कोष .केंद्र शासित प्रदेशों के लिए. 15 आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड 16. स्वच्छ भारत कोष निर्मल गंगा कोष 17 नेशनल फंड फॉर कंट्रोल आॅफ ड्रग एब्यूज 18. भूंकंप व प्राकृतिक आपदाओं के लिए गठित केंद्रीय या राज्य स्तर के सरकारी फंड सीमारहित दान जिनमें 50 प्रतिशत टैक्स छूट 1. Jawaharlal Nehru Memorial Fund 1. जवाहर लाल नेहरू स्मारक कोष 2. Prime Minister’s Drought Relief Fund 2. प्रधानमंत्री सूखा राहत कोष 3.Indira Gandhi Memorial Trust 3. इंदिरा गांधी स्मारक ट्रस्ट 4.Rajiv Gandhi Foundation 4, राजीव गांधी फांउंडेशन आय के 10 प्रतिशत तक दान, 100 प्रतिशत टैक्स छूट Limited upto 10% of Income, 100% Deduction 1. परिवार नियोजन को बढावा देने के लिए गठित मान्यता प्राप्त संस्था 2. खेलों के विकास व प्रयोजन के क्षेत्र में काम कर रही मान्यता प्राप्त संस्था आय के 10 प्रतिशत तक दान, 50 प्रतिशत टैक्स छूट Limited upto 10% of Income, 50% Deduction 1. परिवार नियोजन के अलावा अन्य किसी जनहित कार्य में लगी मान्यता प्राप्त संस्था 2. आवास सुविधा या शहरी या ग्रामीण नियोजन/विकास के क्षेत्र में कार्यरत प्राधिकरण 3, अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए गठित मान्यताप्राप्त संस्थाएं 4. महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की मरम्मत या पुनरोद्धार कार्य

Sunday, 24 February 2019

Inscript Hindi Key

Inscript Hindi Key अ - शिफ्ट के साथ D आ - शिफ्ट के साथ E इ - शिफ्ट के साथ F ई - शिफ्ट के साथ R उ - शिफ्ट के साथ G ऊ - शिफ्ट के साथ T ए - शिफ्ट के साथ S ऐ - शिफ्ट के साथ W ओ- शिफ्ट के साथ A औ - शिफ्ट के साथ Q अं - X अः - शिफ्ट के साथ _ key क – K, ख - शिफ्ट के साथ K ग – I, घ - शिफ्ट के साथ - I ङ - शिफ्ट के साथ U च - ; छ - शिफ्ट के साथ च - ; key ज – P झ - शिफ्ट के साथ – P ञ - शिफ्ट के साथ – } key ट - “ ठ - शिफ्ट के साथ – “ ड - { key ढ - शिफ्ट के साथ – { key ण - शिफ्ट के साथ – C त – L थ - शिफ्ट के साथ - L द – O ध - शिफ्ट के साथ - O न - शिफ्ट के साथ – V प – H फ – शिफ्ट के साथ – H ब – Y भ – शिफ्ट के साथ – Y म – M key दबाये य – ? र – J ल – N व – B स – M श – शिफ्ट के साथ – M ष – शिफ्ट के साथ – < key दबाये ह – U क्ष – शिफ्ट के साथ – 7 त्र – शिफ्ट के साथ – 6 ज्ञ – शिफ्ट के साथ – 5 श्र – शिफ्ट के साथ – 8 ऋ – शिफ्ट के साथ – + = keyदबाये ँ – शिफ्ट के साथ – X ृ – नीचे र लिखने के लिए += keyदबाये । शिफ्ट के साथ – > keyदबाये शब्द को आधा करने के लिए “D” key दबाये। क्र – लिखने के लिए क लिखकर “D” key दबाये, बाद र लिखने से क्र लिखा जाएगा। । कर्म – लिखने के लिए कर लिखकर “D” key दबाये, बाद म लिखने से कर्म लिखा जाएगा। ।

बच्चों के फीस में छूट:

Jagran Logo आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कैसे मिलती है छूट, जान लीजिए नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नौकरीपेशा लोग आयकर अधिनियम की धारा 80C के अंतर्गत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। यह कटौती, हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) के व्यक्तियों या सदस्यों के लिए भी उपलब्ध है। इसमें जीवन बीमा पॉलिसियों में निवेश, भविष्य निधि में किया गया योगदान और ईएलएसएस या इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम के अंतर्गत किए गए निवेश पर टैक्स बचाया जा सकता है। 80सी के अंतर्गत कैसे मिलती है छूट? बच्चों के फीस में छूट: आयकर कानून 1961 के सेक्शन 80C के तहत ट्यूशन फीस पर टैक्स में छूट मिलती है। इस रकम को 1.5 लाख रुपये की टैक्स फ्री निवेश राशि में शामिल किया जा सकता है। ट्यूशन फीस को सालाना कमाई से घटा दिया जाता है, इससे टैक्स देनदारी कम हो जाती है। इसके लिए शिक्षा संस्थान का पूर्णकालिक संस्थान होना जरूरी है। इसमें प्ले स्कूल, प्री-नर्सरी और नर्सरी कक्षाएं भी शामिल हैं। यह संस्थान निजी, सरकारी या सरकारी मदद से चलने वाला हो सकता है

Saturday, 23 February 2019

आधार updete online करना

UIDAI Aadhar Card Address, Mobile Number, Name Update Online: आधार कार्ड में ऑनलाइन अपडेशन के जरिए गलत डिटेल्स सही कराए जा सकते हैं। मसलन कार्ड में किसी कारण जन्मतिथि या फिर पता गलत छपकर आ गया है तो वह आसानी से अपडेट कराया जा सकता है। अपडेशन के दौरान फोटो और मोबाइल नंबर भी आधार में अपडेट कराया जा सकता है। खास बात है कि बगैर किसी निवास प्रमाण के भी आधार कार्ड में यह संशोधन हो सकता है। हालांकि, इसके लिए यूनीक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के मान्यता पत्र (वैलिडेशन लेटर) की जरूरत पड़ती है। जानिए आधार में ऑनलाइन अपडेशन की प्रक्रियाः निवास प्रमाण होने पर ऐसे कराएं ऑनलाइन संशोधन- – यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट- uidai.gov.in पर जाएं। – आधार नंबर के जरिए लॉग इन करें। – मौजूदा/सही पता भरें। – नए पते से संबंधित दस्तावेज अपलोड करें। – रिक्वेस्ट को आगे बढ़ाने के लिए ‘सब्मिट’ करें और यूआरएन ‘सेव’ करें। एड्रेस वैलिडेशन लेटर के साथ यह है अपडेशन का तरीका- – uidai.gov.in की वेबसाइट खोलें। – आधार नंबर की मदद से लॉग इन कर लें। – वैलिडेशन लेटर पर जो सीक्रेट कोड हो, वह भरें। – पता चेक करने के लिए ‘प्रीव्यू’ का बटन दबाएं। – अब रिक्वेस्ट सब्मिट करें और यूआरएन सेव कर लें। https://ssup.uidai.gov.in/web/guest/update

Wednesday, 20 February 2019

आधार कार्ड और पैन नंबर को लिंक करना

आप एसएमएस के जरिए भी अपने पैन आधार का स्टेटस पता कर सकते हैं। इसके लिए आपको 567678 या 56161 इन दो में से एक नंबर पर SMS करना होगा। आपको UIDPAN 12 अंकों का आधार नंबर 10 अंकों का पैन नंबर लिख कर एसएमएस करना होगा मान लीजिए आपका आधार नंबर 123456789123 है और पैन कार्ड नंबर ABCDE1234F है। तो आप UIDAPAN 123456789123 ABCDE1234F लिखकर एसएमएस कर दें। जवाब में आपको स्टेटस पता चल जाएगा। अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न भर दिया है पर आधार कार्ड को पैन से लिंक नहीं किया है तो आपका टैक्स रिटर्न प्रोसेस ही नहीं होगा। रिटर्न प्रोसेस करने के लिए आपको आधार पैन को लिंक करना होगा

Saturday, 16 February 2019

पैन कार्ड, आधार से लिंक

अब वेबसाइट पर आप देख पाएंगे कि आपका पैन कार्ड, आधार से लिंक है या नहीं। लिंक पर एक बार अंगुली से दबाने से कॉपी हो जाएगी, बाद Google के addres bar में क्लिक कर Peste करें, Enter दबाये Pan Number and Aadhaar लिखें View link Aadhaar status पर क्लिक करने से आपको बता देगा की पेन नम्बर व आधार नंबर लिंक है या नहीं इस लिंक की कॉपी करें https://www1.incometaxindiaefiling.gov.in/e-FilingGS/Services/AadhaarPreloginStatus.html

Wednesday, 13 February 2019

आप खुद एजेंसी जाकर गैस सिलेंडर लेते हैं तो एजेंसी आपको पैसे देगी

यदि आप खुद एजेंसी जाकर गैस सिलेंडर लेते हैं तो एजेंसी आपको पैसे देगी एलपीजी गैसे की होम डिलीवरी के लिए एक राशि पहले से तय होती है जिसके बदले गैस एजेंसियां आपको घर पर फ्री में सिलेंडर की डिलीवरी देती हैं। यदि आप एजेंसी के गोदाम जाकर सिलेंडर ले लेते हैं तो डिलीवरी के लिए तय राशि एजेंसी आपको देगी। एजेंसी डिलीवरी चार्ज के रूप में 19 रुपये 50 पैसे सिलेंडर की कीमत में जुड़े होते हैं जिसे आप एजेंसी से ले सकते हैं। यदि कोई एजेंसी इस पैसे को देने से मना करती है आपके गैस सिलेंडर की एजेंसी वाला आपको पैसे देने से मना कर दे तो ऐसी स्थिति में आप 18002333555 पर शिकायत कर सकते हैं। डिलीवरी चार्ज के अलावा आपको बता दें कि यदि आपके सिलेंडर का रेग्युलेटर खराब हो गया है तो आप एजेंसी जाकर इसे फ्री में बदल सकते हैं। यह आपका अधिकार है।

Friday, 8 February 2019

Notice under section 143(1) income tax act 1961

Notice under section 143(1) income tax act 1961 सूचना प्राप्ति के लिए संभावित कारण आयकर विभाग ने निम्नलिखित विकल्प दिए हैं जो इस तरह के बेमेल होने के कारण हो सकते हैं: बदले में कटौती का दावा किया गया लेकिन फॉर्म 16 में नहीं - उदाहरण के लिए, आपने 80 सी कटौती या किसी अन्य कटौती जैसे कि दान के लिए दान का दावा किया है, स्वास्थ्य बीमा पर प्रीमियम सीधे बदले में 80 डी और नियोक्ता के माध्यम से नहीं। 2. भत्ते में छूट का दावा किया गया लेकिन फॉर्म 16 में नहीं जैसे कि एचआरए नियोक्ता के माध्यम से दावा नहीं किया गया लेकिन बदले में दावा किया गया। TDS को अग्रिम रूप से प्राप्त होने का दावा किया गया है लेकिन वित्तीय वर्ष में कोई आय नहीं है - उदाहरण के लिए, आपने मार्च 2017 में अप्रैल 2017 के महीने के लिए किराये की आय प्राप्त की है और ऐसे किराए पर TDS काटा गया है। अब आपने रिटर्न में ऐसे टीडीएस का दावा किया है, लेकिन अप्रैल महीने का किराया यानी रिटर्न में आय नहीं दिखाई गई है 4. पिछले वर्ष में दी गई आय / रसीदें और वित्तीय वर्ष में टीडीएस का दावा किया जाता है - इसका मतलब है कि आप पिछले वर्ष की आय पर काटे गए टीडीएस का दावा कर रहे हैं जिस पर उस पिछले वर्ष में टीडीएस का दावा नहीं किया गया था। 5. ब्याज आय / शुद्ध आय को पूंजीकृत किया जाता है - आपने अपने रिटर्न में अपनी एफडी की आय के रूप में अर्जित ब्याज नहीं दिखाया है। 6. रिटर्न में अलग-अलग आय के तहत प्राप्त की गई रसीदें जिस धारा के तहत कटौती की जाती हैं, उसके विरुद्ध - उदाहरण के लिए, टीडीएस को किराए पर काटा गया / यू 194 मैं घर की संपत्ति से आय दिखाने के बजाय अन्य स्रोतों से व्यावसायिक आय या आय के रूप में दिखाया गया है। इस प्रकार आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है यदि आपके पास इस तरह के बेमेल का वैध कारण है। आयकर विभाग द्वारा दिया गया एक विकल्प है जिसके तहत आप इस तरह के बेमेल से सहमत या असहमत हो सकते हैं और ऊपर दिए गए विभिन्न विकल्पों में से कारण का चयन कर सकते हैं। इस तरह के नोटिस का जवाब देने की समय सीमा, इसे प्राप्त करने की तारीख से 30 दिन है।

10 लाख रुपये पर ऐसे बचा सकते हैं 5 लाख तक इनकम टैक्स

10 लाख रुपये पर ऐसे बचा सकते हैं 5 लाख तक इनकम टैक्स, करना होगा केवल यह काम सबसे पहले, वेतनभोगी व्यक्ति रिवाइज्ड स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये का दावा करें। आप सेक्शन 80सी के तहत डेढ़ लाख रुपये की कटौती का दावा कर सकते है। आयकर अधिनियम के सेक्शन 80डी के तहत 25,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकता है। सेक्शन 80सीसीडी के तहत नेशनल पेंशन स्कीम में किए गए निवेश पर 50,000 रुपये तक की अतिरिक्ट कटौती का दावा कर सकते है अगर आपने होम लोन ले रखा है तो आप ब्याज के भुगतान पर दो लाख रुपए तक की कटौती का दावा कर सकते है। ,भारतीय नागरिक (60 साल से कम) प्री बजट बजट के बाद (A) सैलरी से होने वाली आय 10,00,000.00 स्टैण्डर्ड डिडक्शन (50,000.00) नेट सैलरी 9,50,000.00 (B) मकान से होने वाली आय नोशनल किराया 3,00,000.00 0.00 Less: स्टैण्डर्ड डिडक्शन @30 फीसदी 90,000.00 0.00 होम लोन पर ब्याज 2,00,000.00 घर से होने वाली नेट आय 10,000.00 (2,00,000.00) ग्रास टोटल इनकम ( A+B) 9,70,000.00 7,50,000.00 Less: चैप्टर VI-ए के अनुसार डिडक्शन u/s 80C 1,50,000.00 u/s 80CCD 50,000.00 u/s 80D 50,000.00 कुल आय 7,20,000.00 5,00,000.00 ग्रॉस टैक्स 56,500.00 12,500.00 Less: सेक्शन 87ए के अनुसार छूट 0.00 12,500.00 टैक्स बैलेंस 56,500.00 शिक्षा सेस @ 4% 2,260.00 कुल टैक्स 58,760.00 0.00

Thursday, 7 February 2019

आधार को पैन से जोड़ने की प्रक्रिया, एसएमएस के जरिए

आधार को पैन से जोड़ने की प्रक्रिया, एसएमएस के जरिए ऑनलाइन पद्धति के अलावा, उपयोगकर्ता एसएमएस सेवा का उपयोग करके अपने आधार को पैन के साथ भी लिंक कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए, इस प्रारूप में एक पाठ संदेश लिखें: UIDPAN (स्थान) 12-अंकीय आधार संख्या (स्थान) 10-अंकीय पैन, और अपने आधार-पंजीकृत मोबाइल नंबर से 567678 या 56161 पर भेजें।

Aadhaar Card Link With Pan Card

आधार कार्ड को पैन नंबर से करें लिंक, वरना नहीं भर पाएंगे इनकम टैक्स Aadhaar Card Link With Pan Card : आधार कार्ड (Aadhaar Card ) और पैन कार्ड (Pan Card) लिंक नहीं है तो आप जल्द से जल्द पैन कार्ड को आधार से लिंक करा लें। क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) नहीं कर पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट (SC) ने पहले ही आदेश जारी कर पैन कार्ड को आधार से लिंक करना ज़रूरी बताया था। और ये बात साफ कर दी थी कि अगर आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक नहीं कराया जाता तो आप आयकर नहीं भर पाएंगे। यानि इनकम टैक्स भरने के लिए अब आपका आधार और पैन नंबर का लिंक होना बेहद ही ज़रूरी है। इन दोनों को लिंक कराने के लिए डेडलाइन 31 मार्च, 2019 निर्धारित की गई है इसके बाद आप आधार कार्ड और पैन कार्ड को आपस में लिंक नहीं करा सकेंगे। वही सिर्फ इनकम टैक्स भरने के लिए ही नहीं बल्कि बैंक में 50 हज़ार से ज्यादा के लेने देन के लिए भी आधार और पैन कार्ड का लिंक होना ज़रूरी है।

Tuesday, 5 February 2019

Section 80EE:

धारा 80 ईई: 50,000 रुपये का यह कर लाभ 1-88 रुपये की गिरावट के लिए घर के भोजन के लिए उपलब्ध है, आवास ऋण पर ब्याज के लिए 2 लाख रुपये की सीमा के साथ और यह केवल चार समय तक खरीदार को दावा किया जा सकता है यदि: ए) 1 अप्रैल, 2016 और 31 मार्च 2017 के बीच ऋण लिया जाता है।)) ऋण की राशि 35 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए) संपत्ति का मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक नहीं) ऋण की मंजूरी की तारीख पर, व्यक्ति को किसी भी अन्य आवासीय घर का मालिक नहीं होना चाहिए ई) ऋण को बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से लिया जाना चाहिए

Section 80E:

धारा 80 ई: शिक्षा ऋण पर ब्याज भुगतान आयकर अधिनियम के धारा 80 ई के तहत कटौती के लिए पात्र है। आपकी शिक्षा ऋण पर ब्याज का भुगतान कर योग्य आय की गणना करते समय आपकी सकल कर योग्य आय से घटाया जाता है। केवल स्विश, पति या पत्नी के लिए लिया गया शिक्षा ऋण पर भुगतान ब्याज कटौती के लिए पात्र है। कटौती का भुगतान किया जाएगा वर्ष से पुनर्भुगतान शुरू होता है और उस वर्ष से नहीं, जिसके द्वारा आपने ऋण लिया है। अधिकतम 8 साल या ब्याज का भुगतान करने तक, जो भी पहले हो।

Section 80DDB:

Section 80DDB: Expenditure incurred on yourself or dependents for medical treatment of certain diseases is allowed as deduction from gross total income. The diseases are specified in Rule 11DD of the Income Tax Act. Some of the diseases are Parkinson's Disease,Chronic Renal failure and so on. You can avail the tax benefit on actual basis for maximum up to Rs 40,000 per year. If you or dependent is a senior citizen, then the benefit is lower of actual expense or Rs 1 lakh. To avail this benefit a medical certificate from a competent medical practitioner is required. धारा 80ddb: कुछ रोगों के चिकित्सा उपचार के लिए अपने आप या आश्रितों पर खर्च किए गए व्यय को सकल कुल आय से कटौती के रूप में अनुमति दी जाती है। रोगों को आयकर अधिनियम के नियम 11d में निर्दिष्ट किया जाता है। कुछ रोगों पार्किंगसन की बीमारी, पुरानी गुर्दे की विफलता और इतने पर हैं। आप प्रति वर्ष 40,000 रुपये प्रति वर्ष के लिए वास्तविक आधार पर कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं यदि आप या निर्भर एक वरिष्ठ नागरिक हैं, तो लाभ वास्तविक व्यय या 1 लाख से कम है। इस लाभ का लाभ एक सक्षम चिकित्सा व्यवसायी से एक मेडिकल प्रमाण पत्र आवश्यक है।

Section 80DD: income tax

Section 80DD: You can claim deduction of expenditure incurred on a dependent who is differently-abled and wholly dependent on you for support and maintenance. Deduction of Rs 75,000 can be claimed if disability is more than 40 percent but less than 80%. If the disability is more than 80 percent the deduction limit will be raised to Rs 1,25,000. Remember you cannot claim this deduction if dependent has claimed deduction under Section 80U. धारा 80 डीडी: आप एक आश्रित पर किए गए व्यय का कटौती का दावा कर सकते हैं जो अलग-अलग और पूर्ण रूप से समर्थन और रखरखाव के लिए निर्भर है। 75,000 रुपये का कटौती का दावा किया जा सकता है कि विकलांगता 40 प्रतिशत से अधिक है लेकिन 80% से कम है। यदि विकलांगता 80 प्रतिशत से अधिक है तो कटौती सीमा को 1,25,000 रुपये तक बढ़ाया जाएगा। याद रखें कि इस पर्दाफाश का दावा नहीं किया जाएगा यदि निर्भर व्यक्त धारा 80 यू के तहत कटौती का दावा किया है

Monday, 4 February 2019

हाउस रेंट अलाउंट (HRA)

हाउस रेंट अलाउंट (एचआरए): टैक्स पेयर्स हाउस रेंट अलाउंट यानी एचआरए (HRA) पर भी टैक्स कटौती क्लेम कर सकते हैं। यह छूट आयकर की धारा 80GG के अंतर्गत मिलती है। टैक्स डिडक्शन की राशि उस पर निर्भर करती है कि आप किस शहर में रहते हैं। लेकिन इस पर टैक्स कटौती तभी क्लेम किया जा सकता है जब आप किराए के घर, फ्लैट और अपार्टमेंट में रह रहे हों।

Health Insurance Premiums

Deduction on Section 80D in Income Tax Act (Tax deduction based on Health Insurance Premiums Paid) You are allowed to claim a deduction up to Rs. 25,000

होम लोन इंटरेस्ट:धारा 80EE के अंतर्गत

होम लोन इंटरेस्ट: टैक्सपेयर्स होम लोन के इंटरेस्ट (ब्याज) पर एक वित्त वर्ष के दौरान 2 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। यह छूट आयकर की धारा 80EE के अंतर्गत मिलती है।

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी धारा 80D के अंतर्गत

हेल्थ इंश्योरेंस: अगर आपने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले रखी है तो धारा 80D के अंतर्गत इनकम टैक्स एक्ट आपको टैक्स बेनिफिट क्लेम करने की इजाजत देता है। इस धारा के अंतर्गत आप 25,000 रुपये की टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। वहीं सीनियर सिटिजन के लिए यह लिमिट 30,000 रुपये है।

धारा 80E के अंतर्गत एजुकेशन लोन के ब्याज

एजुकेशनन लोन का ब्याज: अगर आपने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन ले रखा है तो आप टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं। आप आयकर की धारा 80E के अंतर्गत एजुकेशन लोन के ब्याज भुगतान पर टैक्स कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं। इसके अंतर्गत आप एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।

धारा 80(CCD) के अंतर्गत टैक्स छूट

नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस): NPS एक लंबी अवधि का टैक्स सेविंग निवेश विकल्प है। जब आप 60 वर्ष के हो जाते हैं एनपीएस मैच्योर हो जाता है। हालांकि इसमें मैच्योरिटी से पहले निकासी की अनुमति मिलती है। सब्सक्राइबर्स अपने एनपीएस खाते से 20 फीसद राशि की निकासी कर सकते हैं। आईटी एक्ट के मुताबिक एनपीएस में एक साल के भीतर किया गया 50,000 रुपये का सालाना निवेश आयकर की धारा 80(CCD) के अंतर्गत टैक्स छूट पाने योग्य होता है। आप एनपीएस और 80C को मिलाकर 2 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।

HRA पर टैक्‍स छूट का

HRA का कैलकुलेशन, इनकम टैक्‍स बचाने में है मददगार आयकर अधिनियम की धारा 10(13ए) के तहत HRA पर इनकम टैक्‍स में छूट मिलती है आपकी सैलरी का एक हिस्‍सा हाउस रेंट एलाउंस (HRA) Income Tax बचाने में भी मददगार है. अपनी सैलरी स्लिप पर नजर डालिए, अगर इसमें HRA के मद में कुछ मिलता है तो आप इसके जरिए टैक्‍स बचा सकते हैं. यह भी बताते चलें कि HRA पर टैक्‍स छूट का फायदा सिर्फ वही व्‍यक्ति ले सकता है जिसे सैलरी मिलती है और वह किसी किराए के घर में रह रहा हो. आयकर अधिनियम की धारा 10(13ए) के तहत HRA पर इनकम टैक्‍स में छूट मिलती है. HRA का लाभ लेने के लिए जरूरी हैं ये डॉक्‍यूमेंट्स HRA का लाभ उठाने के लिए आपके पास एक मान्‍य रेंट एग्रीमेंट होना चाहिए. रेंट एग्रीमेंट में मासिक किराये, एग्रीमेंट की समय-सीमा और आपके द्वारा किए जाने वाले अन्य खर्चों का जिक्र होना चाहिए. एग्रीमेंट पर आपका और मकान मालिक का साइन हो, भले ही मकान मालिक आपके माता-पिता ही क्‍यों न हों. यह एग्रीमेंट 100 या 200 रुपये के स्‍टांप पेपर पर होना चाहिए. यदि सालाना रेंट 1 लाख रुपये से अधिक है तो रेंट की रसीद के अलावा मकान मालिक का PAN देना भी अनिवार्य है. इसके अलावा आपके पास मकान मालिक से रेंट चुकाने के बाद मिली रसीद भी होनी चाहिए. ऐसे करें HRA का कैलकुलेशन नियोक्‍ता की तरफ से आपको एक वित्‍त वर्ष में कितना HRA मिला है. अगर आप किसी महानगर में रह रहे हैं तो अपने वेतन का 50 फीसदी हिस्‍सा और अन्‍य शहरों में रहते हैं तो 40 फीसदी हिस्‍से को अलग रखें. तीसरा, वास्तव में चुकाए गए किराये में से सैलरी का 10% घटा के बची राशि. इस कैलकुलेशन के लिए आपके वेतन में मूल वेतन के साथ-साथ महंगाई भत्‍ता और अन्‍य चीजें जुड़ी होनी चाहिए उदाहरण के जरिए समझें कोई व्‍यक्ति दिल्‍ली में नौकरी करता है और वह किराए पर रहता है. उसे मूल वेतन और महंगाई भत्‍ते के तौर पर 1 लाख रुपये प्रति माह मिलता है. उसे एचआरए के तौर पर 45,000 रुपये मिलते हैं. किराए के तौर पर वह हर महीने 30,000 रुपये देता है. उसे सालाना HRA के तौर पर 5,40,000 (45000*12) मिले. उसकी सैलरी का 50 फीसदी यानी 12,00,000 रुपये का आधा 6,00,000 रुपये. तीसरा है वास्‍तव में चुकाया गया किराया-सैलरी का 10 फीसदी जो 2,40,000 रुपये बनता है (3,60,000-1,20,000 रुपये). इस प्रकार, इन तीनों में सबसे कम 2,40,000 रुपये है जिस पर उसे इनकम टैक्‍स का फायदा मिलेगा

Health Insurance

Deduction on Section 80D in Income Tax Act (Tax deduction based on Health Insurance Premiums Paid) You are allowed to claim a deduction up to Rs. 25,000 आयकर अधिनियम में धारा 80 डी पर कटौती (स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के आधार पर कर कटौती) आपको 25,000 तक कटौती का दावा करने की अनुमति है

Savings Account बंद करवाने

Savings Account बंद करवाने की ये है पूरी प्रक्रिया, जानिए कौन-कौन से दस्‍तावेज हैं जरूरी Savings Account बंद करवाने की ये है पूरी प्रक्रिया, जानिए कौन-कौन से दस्‍तावेज हैं जरूरी Savings Account बंद करवाने की ये है पूरी प्रक्रिया, जानिए कौन-कौन से दस्‍तावेज हैं किसी बैंक में अगर आपका बचत खाता है और आप उसमें मिनिमम बैलेंस नहीं बनाए रखते हैं तो बैंक पैसे काट लेता है. कभी-कभार तो बैलेंस माइनस में चला जाता है. ऐसे सेविंग्‍स अकाउंट को बंद करा देना ही बेहतर है. आइए, आज हम आपको बताते हैं कि ऐसे बैंक खातों से कैसे पाएं निजात और किन बातों का रखें ध्‍यान. सबसे पहले इन बातों पर करें गौर सेविंग्‍स अकाउंट को बंद करवाने से पहले कुछ चीजों पर गौर करना जरूरी है. जैसे संभव है कि उस अकाउंट से आपके लोन की ईएमआई जाती हो या निवेश के पैसे कटते हों या फिर कोई ट्रेडिंग अकाउंट लिंक्‍ड हो. ऐसे में जरूरी है कि आप इन्‍हें अपने दूसरे बैंक अकाउंट से लिंक कर दें. अकाउंट बंद करते समय आपको डी-लिंकिंग अकाउंट फॉर्म भरना पड़ सकता है. सेविंग्‍स अकाउंट बंद करने के लिए भरें यह फॉर्म अपना बैंक खाता बंद करवाने के लिए आपको बैंक के ब्रांच जाकर क्‍लोजर फॉर्म भरना होगा. आपको यह भी बताना होगा कि आप अपना संविंग्‍स अकाउंट क्‍यों बंद करवा रहे हैं. अगर आपके खाते में पैसे हैं और आप उसे किसी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करवाना चाहते हैं तो आपको एक और फॉर्म भरना होगा. एक बात याद रखिए कि अकाउंट बंद करवाने के लिए आपको बैंक के ब्रांच में खुद ही जाना होगा.

Sunday, 3 February 2019

6 लाख वाला आयकर

यदि 6 लाख रुपये की कर योग्य आय वाला कोई व्यक्ति निवेश नहीं करता है तो क्या होगा? इस मामले में, उसे मौजूदा स्लैब के अनुसार करों का भुगतान करना होगा। "यह वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए है। यदि किसी व्यक्ति की कर योग्य आय 6 लाख रुपये है, तो उसे 50,000 रुपये का मानक शुल्क मिलेगा। अब, उसके पास 5.5 लाख रुपये हैं और चूंकि यह 5 लाख रुपये की सीमा से ऊपर है, इसलिए वह नहीं मिलेगा। धारा 87 ए की छूट। तो, वह पहले 2.5 लाख के लिए करों का भुगतान नहीं करेगा, फिर 5% कर 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक लगाया जाएगा जो कि 12,500 रुपये होगा। अब, अगले 50,000 रुपये पर कर लगाया जाएगा। 20% की दर, क्योंकि यह 5 लाख रुपये से अधिक है। इसलिए, 50,000 रुपये पर कर 10,000 रुपये होगा। कुल मिलाकर, व्यक्ति 22,500 रुपये का कर चुकाता है, "पंकज मठपाल, एमडी, ऑप्टिमा मनी।

Saturday, 2 February 2019

धारा 234 एफ - आयकर - देर से दाखिल जुर्माना

धारा 234 एफ - आयकर - देर से दाखिल जुर्माना 234F। आय के फर्जी रिटर्न में चूक के लिए शुल्क। - (1) इस अधिनियम के प्रावधानों के पक्षपात के बिना, जहां धारा 139 के तहत आय की वापसी प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक व्यक्ति, उपधारा में निर्धारित समय के भीतर ऐसा करने में विफल रहता है (1) ) के खंड, वह शुल्क का भुगतान करेगा, की राशि, - (ए) पांच हजार रुपये, यदि रिटर्न आकलन वर्ष के दिसंबर के ३१ वें दिन या उससे पहले सुसज्जित है, (बी) किसी अन्य मामले में दस हजार रुपये: बशर्ते कि यदि व्यक्ति की कुल आय पांच लाख रुपये से अधिक नहीं है, तो इस धारा के तहत देय शुल्क एक हजार रुपये से अधिक नहीं होगा। 1 अगस्त से 31 दिसंबर के बीच लेट फाइलिंग रु। ५००० का जुर्माना लागू होगा यदि ३१ जुलाई को होने वाला आयकर रिटर्न निर्धारित तिथि से ३१ दिसंबर के बीच देर से दाखिल किया जाता है। 31 दिसंबर के बाद लेट फाइलिंग यदि आकलन वर्ष के 31 दिसंबर के बाद देर से 31 जुलाई को आयकर रिटर्न दाखिल किया जाता है, तो 10,000 रुपये का जुर्माना लागू होगा। जुर्माना में कमी अगर किसी करदाता की कुल आय रु। 5 लाख या उससे कम है, तो आयकर रिटर्न भरने में देरी के लिए अधिकतम जुर्माना धारा 234F के तहत 1000 रु। पर लगाया गया है।

5 लाख रुपये तक की आय पर नहीं लगेगा टैक्स, लेकिन भरना होगा आईटीआर

5 लाख रुपये तक की आय पर नहीं लगेगा टैक्स, लेकिन भरना होगा आईटीआर लाख रुपये तक की आय पर इनकम टैक्स से छूट तो मिलेगी, लेकिन सालाना 2.5 लाख या 3 लाख (वरिष्ठ नागरिक) से ज्यादा कमाने वालों को पहले की तरह इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। हालांकि, आईटीआर में आप अलग-अलग डिडक्शन

इनकम टैक्स

अगर आपकी सालाना इनकम 5 लाख रुपये तक है और बजट में टैक्स से मुक्ति के ऐलान के बाद आप सोच रहे हैं कि इनकम टैक्स विभाग से भी आपका पीछा छूट गया है तो आप गलत हैं। आप जीरो टैक्स का फायदा तो उठा सकते हैं, लेकिन फिर भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना ही होगा। 60 साल से कम उम्र के लोगों को इनकम टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख और वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 3 लाख रुपये तक इसलिए उपरोक्त छूट की सीमा से ज्यादा कमाने वालों को इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करना जरूरी होगा। हालांकि, आप आईटीआर फाइल करके सेक्शन 87A के तहत 5 लाख तक की आय पर छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह सोचकर की आपकी सालाना आय टैक्स की सीमा में नहीं है, आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपको आयकर विभाग के नोटिस का सामना करना पड़ेगा।

इनकम आईटीआर

2019-20 में जीरो टैक्स का लाभ लेने के लिए सबसे पहले आपको ग्रॉस टोटल इनकम आईटीआर में दिखाना होगा। ग्रॉस टोटल इनकम में आपकी सैलरी, सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि शामिल होंगे। इसके बाद हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) समेत सभी तरह के डिडक्शंस और टैक्स ब्रेक सेक्शन 80C और 80D के तहत दिखाने होंगे। अगर इन डिडक्शंस को क्लेम करने के बाद आपकी आय 5 लाख तक रहती है तो आपको सेक्शन 87A के तहत टैक्स में छूट मिलेगी।

ITR Income Tex

5 लाख रुपये तक सालाना आय के लिए किसी भी तरह का टैक्स तो नहीं देना होगा, लेकिन 2.5 लाख या 3 लाख (वरिष्ठ नागरिक) से ज्यादा इनकम होने पर आईटीआर फाइल करने में देरी पर सेक्शन 234F के तहत 1 हजार रुपये लेट फीस के रूप में देने होंगे।'

आयकर स्लेब 2019-2020

आयकर स्लैब 2019-20: पांच मुख्य बातें जो आपको पता होनी चाहिए अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट 2019-20 में किसी भी नागरिक श्रेणी के लिए किसी भी आयकर स्लैब को बदलने का प्रस्ताव नहीं किया है। हालांकि, एफएम गोयल ने प्रस्ताव दिया है कि "कर योग्य वार्षिक आय 5 लाख रुपये तक" वाले व्यक्तिगत करदाताओं को "पूर्ण कर छूट" मिलेगी। सभी लागू आयकर दरों को भी अपरिवर्तित रखा गया है। इसके अलावा, 6.5 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले व्यक्ति भी आयकर की बचत कर सकते हैं, बशर्ते वे आयकर अधिनियम की धारा 80 सी जैसे सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), इक्विटी के तहत निर्धारित बचत योजनाओं में 1.5 लाख रुपये तक का निवेश करें, इक्विटी -लिंक की गई बचत योजना (ईएलएसएस), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी), बीमा योजनाएं आदि। एक व्यक्ति भी ब्याज की कटौती का दावा करने के लिए पात्र है, जो कि होम लोन, एजुकेशन लोन, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) अंशदान, मेडिकल इंश्योरेंस, वरिष्ठ नागरिकों पर चिकित्सा व्यय पर 2 लाख रुपये तक का आयकर कटौती करता है। एफएम गोयल ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को मौजूदा 40,000 रुपये से 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने का भी प्रस्ताव किया है। इसलिए, आगे जाकर, सभी वेतनभोगी अपनी संबंधित कर योग्य आय पर 50,000 रुपये के मानक कटौती का दावा कर सकते हैं। इसके अलावा, अंतरिम वित्त मंत्री ने दूसरे स्व-कब्जे वाले घर पर देय किराए पर आयकर में छूट का प्रस्ताव किया है। यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक स्व-कब्जे वाले घर है, तो अब तक आयकर किराए पर देय है। बजट 2019-20 में उपरोक्त सभी घोषणाएं बजट सत्र 2019 में लोकसभा द्वारा अनुमोदन के अधीन हैं, जो 13 फरवरी, 2019 तक आयोजित किया जाएगा।

Friday, 1 February 2019

बजट 2019 पेश

अंतरिम बजट 2019 पेश करते हुए, वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को एक बड़ी घोषणा की, जहां तक ​​आयकर का संबंध है। गोयल ने घोषणा की कि 5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय व्यक्तिगत करदाताओं के लिए कर मुक्त होगी। अनुमति दी गई 1.50 लाख रुपये की निवेश छूट को ध्यान में रखते हुए, एक व्यक्तिगत करदाता 6.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर बचा सकता है। स्टैंडर्ड डिडक्शन भी 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है।

अंतरिम बजट 2019

Feb अंतरिम बजट 2019 पेश करते हुए, वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को एक बड़ी घोषणा की, जहां तक ​​आयकर का संबंध है। गोयल ने घोषणा की कि 5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय व्यक्तिगत करदाताओं के लिए कर मुक्त होगी। अनुमति दी गई 1.50 लाख रुपये की निवेश छूट को ध्यान में रखते हुए, एक व्यक्तिगत करदाता 6.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर बचा सकता है। स्टैंडर्ड डिडक्शन भी 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है।

इन्कमटैक्स सीमा

बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा ब्याज वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने अंतरिम बजट 2019 के भाषण में बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा ब्याज पर टीडीएस सीमा की सीमा बढ़ाकर 10,000 रुपये से 40,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया है। 2019 Income Tax Slabs: नहीं बदला टैक्स स्लैब, 5 लाख तक की सालाना आय वालों को नहीं देना होगा टैक्स मोदी सरकार ने अपने आखिरीब बजट में छोटे टैक्सपेयर्स को बड़ा तोहफा दिया है। अब 2.5 लाख रुपये की जगह 5 लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा 5 लाख रुपये तक की सालाना टैक्सेबल आमदनी वाले करदाताओं को अब टैक्स में पूरी छूट मिलगी. सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये का निवेश करने पर कुल 6.5 लाख रु. की इनकम टैक्स फ्री हो गई. अब स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट भी 40 हजार रु. की जगह बढ़कर 50 हजार रु. हो गई. बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा रकम से 10 हजार की जगह 40 हजार रु. तक का ब्याज टैक्स फ्री हो गया. धारा 80 C से लेकर 80 U के तहत आने वाले सभी डिडक्शन के बाद भी अगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये से अधिक रहती है तो आपको टैक्स देना होगा अन्यथा कोई टैक्स नहीं देना होगा। वित्‍त मंत्री ने जोर देकर कहा कि जिन लोगों की कुल आमदनी 6.50 लाख रुपये तक है, उन्‍हें भी किसी प्रकार के इनकम टैक्स के भुगतान की जरूरत नहीं पड़ेगी बशर्ते वे 80C के तहत सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर लें। साथ ही पहले की ही तरह दो लाख रुपये तक के होम लोन के ब्‍याज, एजुकेशन लोन पर ब्‍याज, राष्‍ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में योगदान, मेडिकल इंश्योरेंस, वरिष्‍ठ नागरिकों की चिकित्‍सा पर होने वाले खर्च आदि जैसी अतिरिक्‍त कटौतियों के साथ और अधिक आय वाले व्‍यक्तियों को भी कोई टैक्स नहीं देना होगा।

वरिष्ठ नागरिकों

बजट 2018 में, वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर अधिनियम में एक नया खंड, 80TTB पेश किया था। इस नए सम्मिलित कानून के अनुसार, वरिष्ठ नागरिकों को बैंकिंग में लगे बैंक, डाकघर या सहकारी समिति के पास जमा की गई ब्याज आय पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिकतम 50,000 रुपये की कटौती उपलब्ध है। वरिष्ठ नागरिकों के मामले में टीडीएस 10,000 रुपये से 50,000 रुपये तक की ब्याज आय पर लागू होता है

बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा ब्याज

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने अंतरिम बजट 2019 के भाषण में बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा ब्याज पर टीडीएस सीमा की सीमा बढ़ाकर 10,000 रुपये से 40,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया है।

2019 Income Tax Slabs

2019 Income Tax Slabs: नहीं बदला टैक्स स्लैब, 5 लाख तक की सालाना आय वालों को नहीं देना होगा टैक्स मोदी सरकार ने अपने आखिरीब बजट में छोटे टैक्सपेयर्स को बड़ा तोहफा दिया है। अब 2.5 लाख रुपये की जगह 5 लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा 5 लाख रुपये तक की सालाना टैक्सेबल आमदनी वाले करदाताओं को अब टैक्स में पूरी छूट मिलगी. सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये का निवेश करने पर कुल 6.5 लाख रु. की इनकम टैक्स फ्री हो गई. अब स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट भी 40 हजार रु. की जगह बढ़कर 50 हजार रु. हो गई. बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा रकम से 10 हजार की जगह 40 हजार रु. तक का ब्याज टैक्स फ्री हो गया. इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि 80 C से लेकर 80 U के तहत आने वाले सभी डिडक्शन के बाद भी अगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये से अधिक रहती है तो आपको टैक्स देना होगा अन्यथा कोई टैक्स नहीं देना होगा। वित्‍त मंत्री ने जोर देकर कहा कि जिन लोगों की कुल आमदनी 6.50 लाख रुपये तक है, उन्‍हें भी किसी प्रकार के इनकम टैक्स के भुगतान की जरूरत नहीं पड़ेगी बशर्ते वे 80C के तहत सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर लें। साथ ही पहले की ही तरह दो लाख रुपये तक के होम लोन के ब्‍याज, एजुकेशन लोन पर ब्‍याज, राष्‍ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में योगदान, मेडिकल इंश्योरेंस, वरिष्‍ठ नागरिकों की चिकित्‍सा पर होने वाले खर्च आदि जैसी अतिरिक्‍त कटौतियों के साथ और अधिक आय वाले व्‍यक्तियों को भी कोई टैक्स नहीं देना होगा।

2019: मानक कटौती 40,000 रुपये से बढ़कर 50,000 रुपये हो गई

2019: मानक कटौती 40,000 रुपये से बढ़कर 50,000 रुपये हो गई

Saturday, 26 January 2019

10 E Form भरने की vidhi

10E फॉर्म भरने की विधि https://youtu.be/U7DTv8FvYFU

10 E Form भरने के स्टेप

10E फॉर्म भरने की विधि https://youtu.be/UKiG4t0bUxc

Thursday, 24 January 2019

अधिनियम की धारा 87 ए के

अधिनियम की धारा 87 ए के तहत छूट। इस धारा के अनुसार, यदि आपकी वित्तीय वर्ष में कुल आय if 3.5 लाख से कम है, तो आपको कर से। 2,500 तक की छूट का दावा करने की अनुमति है।

Wednesday, 23 January 2019

धारा 89 (1) के तहत राहत

आयकर अधिनियम आपको उन स्थितियों में राहत प्रदान करता है यू / एस 89 (1) हैं। ... यदि आपको अपने वेतन का कोई हिस्सा बकाया या अग्रिम में मिला है, या आपको बकाया में पारिवारिक पेंशन मिली है, तो आप नियम 21A.Nov 26 के साथ पढ़े गए धारा 89 (1) के तहत कुछ कर राहत प्राप्त कर सकते हैं। धारा 89 (1) के तहत राहत क्या है? टैक्स की गणना वर्ष की अवधि में अर्जित या प्राप्त की गई कुल आय पर की जाती है। यदि आपकी कुल आय में वर्तमान वर्ष में भुगतान किए गए किसी भी पिछले बकाया राशि में शामिल है, तो आप ऐसे बकाया राशि पर आम कर का भुगतान करने के बारे में चिंतित हो सकते हैं (आमतौर पर कर दरों में वर्षों तक बढ़ गया है)। आय प्राप्त करने में देरी के कारण टैक्स के किसी भी अतिरिक्त बोझ से बचाने के लिए, कर कानून धारा 89 (1) के तहत राहत की अनुमति देते हैं। सरल शब्दों में, आप और भुगतान करते हैं, यदि आप भुगतान करते हैं, तो आप जितना पैसा प्राप्त करते थे उतना कम कर देते हैं। चरण 2: कुल आय पर अतिरिक्त वेतन को छोड़कर, कर दिया गया है, जो आपको प्राप्त किया गया है, वे अतिरिक्त नैदानिक (बकाए) को जन्म देने के बाद, आपको अपने फॉर्म की गणना करने के लिए, दर 1 को पूरा करने की आवश्यकता है। फ़ॉर्म 10 ई फॉर्म 10 ई फाइल कैसे करें "दायर ऑनलाइन फाइलें यहां फ़ॉर्म 10 ई ऑनलाइन चरण 1 फ़ाइलें दर्ज करें: https://incometaxindiaefiling.gov.in/ पर लॉग इन की तारीख के साथ अपने उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड के साथ। चरण 2: लॉग इन करने के बाद, 'ई-फाइल' नामक टैब पर क्लिक करें और 'आयकर रूपों' का चयन करें वित्तीय वर्ष 2014-15 (मूल्यांकन वर्ष 2015-16) से फॉर्म 10 ई के गैर-दाखिल करने के लिए आयकर नोटिस, आयकर विभाग ने फॉर्म 10E को फाइल करने के लिए अनिवार्य बना दिया है यदि आप धारा 89 (1) के तहत राहत का दावा करना चाहते हैं। करदाताओं ने धारा 89 (1) के तहत राहत का दावा किया है, लेकिन फायर 10 ई को दर्ज करने के लिए कर विभाग से आयकर नोटिस प्राप्त किया गया है निम्नलिखित लाइनों - राहत यू / एस 89 को आपके मामले में अनुमति नहीं दी गई है, क्योंकि ऑनलाइन फॉर्म 10 ई के द्वारा आपके द्वारा दर्ज नहीं किया गया है। आयकर अधिनियम के ईसीई 8 के अनुसार ऑनलाइन फॉर्म 10 ई की प्रस्तुति की आवश्यकता है फॉर्म 10E न भरने के लिए आयकर नोटिस वित्तीय वर्ष 2014-15 (आकलन वर्ष 2015-16) से, आयकर विभाग ने धारा 10E दाखिल करना अनिवार्य कर दिया है यदि आप धारा 89 (1) के तहत राहत का दावा करना चाहते हैं। जिन करदाताओं ने धारा 89 (1) के तहत राहत का दावा किया है, लेकिन फार्म 10 ई दाखिल नहीं किया है, उन्हें निम्नलिखित लाइनों के साथ कर विभाग से आयकर नोटिस प्राप्त हुआ है - आपके मामले में राहत यू / एस 89 की अनुमति नहीं दी गई है, क्योंकि आपके द्वारा ऑनलाइन फॉर्म 10 ई दाखिल नहीं किया गया है। आयकर अधिनियम की sec.89 के अनुसार ऑनलाइन फॉर्म 10E प्रस्तुत करना आवश्यक है

Friday, 18 January 2019

चैरिटी या डोनेशन - Charity Or Donations

चैरिटी या डोनेशन Charity Or Donations अगर आप Social संस्थानों, Political पार्टियों, Scientific व शोध संस्थानों को Charityया Donation में पैसा देते हैं तो भी आपके द्वारा दी गई रकम Taxछूट के योग्य होती है। अलग-अलग मामलों में Section 80G, 80GGA, 80GGCके तहत यह छूट आप पा सकते हैं।

एजुकेशन लोन का ब्याज - Interest Of Education Loan

एजुकेशन लोन का ब्याज Interest Of Education Loan Higher Studyयानी Graduation और Post Graduation लेवल की पढ़ाई के लिए गए Education Loanपर जो ब्याज आप देते हैं, वह टैक्स से छूट प्राप्त होता है। यह किसी भी मात्रा में लिए गए Loan पर लागू होता है। Education Loan आप देश या विदेश में कहीं भी Studyके लिए लें, यह छूट आपको मिलती है। ये छूट आप अपने बच्चे, पति/पत्नी या गोद लिए बच्चे के लिए भी प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा भी तब, जबकि आपकी आय पहले से Taxable Income Slab में आती हो। इस छूट का लाभ Education Loan लेने वाला और उसके माता-पिता जो भी लोन अदा कर रहा हो, वह ले सकता है। (सेक्शन 80E के तहत)

बच्चों के सेविंग एकाउंट - Children’s Saving Account

बच्चों के सेविंग एकाउंट - Children’s Saving Account अक्सर बच्चे अपने टैलेंट के दम पर प्रतियोगिता या स्टेज परफॉर्मेंस से कुछ रकम इकट्ठा कर लेते हैं। ऐसी आमदनी में से 1500 रुपए तक आप चाइल्ड अर्निंग के रूप में अपनी आय में क्लब करके टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं। इसी आधार पर बच्चों के नाम Saving Account खुलवाने पर सालाना 1500 रुपए तक की जमा रकम और इस पर मिलने वाला ब्याज Tax Free होता है। यह सुविधा सिर्फ दो बच्चों तक ही सीमित होगी। इस तरह आप सालाना कम से कम 3000 रुपए आमदनी पर और Tax से छूट पा सकते हैं। (section 64(1A))

आश्रित विकलांग की देखभाल - Care Of Disabled Dependent

आश्रित विकलांग की देखभाल Care Of Disabled Dependent अगर आपके Familyका कोई Memberविकलांग है तो उसकी देखभाल में आने वाले खर्च को Section 80DDके तहत Taxमें छूट के लिए उपयोग कर सकते हैं। TaxPayer के स्वयं विकलांग होने पर इसका फायदा section 80Uके तहत लिया जा सकता है। विकलांगों को उनकी आमदनी में भी Normal Person के मुकाबले ज्यादा सीमा तक छूट मिलती है। Section 80 यू के तहत विकलांगता की गंभीरता या Level के अनुसार पर वह Maximum 10 लाख रुपए तक की आमदनी में Taxछूट प्राप्त कर सकता है।

गंभीर बीमारी से ग्रस्त का उपचार - Dependent With Serious Illness

गंभीर बीमारी से ग्रस्त का उपचार Dependent With Serious Illness अपने Familyके किसी Member के गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने पर उसकी देखभाल में आने वाले 40,000 रुपए तक के खर्च पर टैक्स से छूट ले सकते हैं। बीमार के Senior Citizenहोने पर यह छूट 60,000 रुपए तक और Super Senior Citizen होने पर 80,000 रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट पा सकते हैं। कैंसर, एड्स, डिमेंशिया, पर्किंसन्स, थैलेसीमिया आदि बीमारियां इस श्रेणी में आती हैं। (सेक्शन 80 section 80DDB के तहत)।

हेल्थ इंश्योरेंस - Health Insurance

हेल्थ इंश्योरेंस - Health Insurance आपने खुद के लिए, अपने पति या पत्नी के लिए, अपने बच्चों के लिए अगर Mediclaim Policyले रखी है तो Section 80D के तहत इसके Premium पर भी टैक्स से छूट मिलती है। यह छूट सामान्य नागरिकों को सालाना 20,000 रुपए तक और Senior Citizen को 30000 रुपए तक के Premium पर मिलती है।

बच्चों की पढ़ाई की फीस - Children’s Tuition Fees

बच्चों की पढ़ाई की फीस - Children’s Tuition Fees आप अपने बच्चों की पढ़ाई पर जो Tuition Fees देते हैं, वह भी Section 80C के तहत tax saving के दायरे में आती है। ये छूट स्कूल, कॉलेज या संस्थान में जमा की गई Tuition Fees पर ही मिलती है। अन्य मदों जैसे smart class, development fee, registration fee आदि पर छूट नहीं मिलती है। यह छूट यह छूट सिर्फ Full Time कोर्सों के लिए दो बच्चों की Study तक ही सीमित होती है।

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम - Senior Citizen Saving Scheme

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम Senior Citizen Saving Scheme आपकी आयु 60 वर्ष से अधिक है तो Senior Citizen Saving Scheme के तहत बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवा सकते हैं। इस एकाउंट में जमा रकम Section 80 C के तहत टैक्स छूट के योग्य होती है। 55 साल के बाद VRS यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले और सेना से retire लोग इस अकाउंट को 60 साल से पहले भी खुलवा सकते हैं।

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) - National Savings Certificates

National Savings Certificates नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) NSC भी एक post office saving scheme है। इसमें आप 100 रुपए से लेकर 10,000 तक के Certificates पांच साल के लिए खरीद सकते हैं। इन पर जमा रकम पर आप Section 80C के तहत Tax छूट प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रखें, NSC में जमा रकम की ब्याज में Taxछूट नहीं मिलती है।

सुकन्या समृद्धि खाता - Sukanya Samriddhi Account

सुकन्या समृद्धि खाता - Sukanya Samriddhi Account केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई Sukanya Samriddhi Yojana के अंतर्गत खोले गए Account पर भी Section 80C के तहत Tax Deduction का फायदा मिलता है। आप Post Office में अपनी 10 साल तक की दो बच्चियों के नाम Sukanya Samriddhi Account खोल सकते हैं।

5 वर्षीय पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट - 5-Year Post Office Time Deposit

5 वर्षीय पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट 5-Year Post Office Time Deposit पोस्ट ऑफिस में पांच साल के लिए कराई गई एफडी Post Office Time Deposit (POTD) की रकम भी टैक्स छूट के दायरे में होती है। हालाँकि POTD में जमा रकम पर मिलने वाले Interest पर आपको Tax देना पड़ता है।

टैक्स सेविंग एफडी - Tax Saving FD (Fixed Deposits)

टैक्स सेविंग एफडी Tax Saving FD (Fixed Deposits) बैंक अपने ग्राहकों को पांच साल की Tax Saving FD उपलब्ध कराते हैं। इनमें जमा की गई आपकी रकम पर Section 80 सी के तहत Taxसे छूट मिलती है। यहां यह ध्यान रखें कि छूट सिर्फ मूल राशि पर मिलती है, इस पर मिलने वाले ब्याज पर नहीं।

स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन चार्ज - Stamp Duty and Registration Charges

स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन चार्ज Stamp Duty and Registration Charges घर खरीदने के लिए जो Stamp Duty और Registration Charges आप अदा करते हैं, उसे 80C deduction में शामिल कर सकते हैं।आपने घर होम Loan लेकर खरीदा हो या फिर अपनी पूंजी से, दोनों स्थितियों में यह Tax छूट मिलेगी।

होम लोन की किस्त में मूलधन का हिस्सा - Home loan EMI Principal

होम लोन की किस्त में मूलधन का हिस्सा Home loan EMI Principal आपने घर बनवाने के लिए जो Home Loanलिया है उसकी किस्त में जो मूल धन का हिस्सा है, उस पर Section 80C के तहत Taxसे छूट मिलती है। Home loan के ब्याज पर भी छूट मिलती है, लेकिन वह सेक्शन 24 के तहत आती है

ELSS-Equity Linked Savings Scheme - इक्विटी लिन्क्ड सेविंग स्कीम

ELSS-Equity Linked Savings Scheme - इक्विटी लिन्क्ड सेविंग स्कीम ELSS एक तरह का म्यूचुअल फंड फंड होता है इसीलिए इसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी कहा जाता है। इसमें equity mutual funds की तरह आपका पैसा शेयरों में लगता है। बस फर्क इतना होता है कि ELSS में जमा पैसा तीन साल के लिए लॉक हो जाता है।

पेंशन स्कीम - Pension Funds

पेंशन स्कीम - Pension Funds सरकार pension scheme पर भी टैक्स छूट देती है। National Pension Scheme में Deposit की गई 1.5 लाख रुपए सालाना तक की रकम Section 80C के तहत Tax Deduction के योग्य होती है। NPS के अलावा mutual fund की पेंशन स्कीम भी Tax Deduction की हकदार होती हैं।

लोक भविष्य निधि - Public Provident Fund (PPF)

लोक भविष्य निधि Public Provident Fund (PPF) सरकार ईपीएफ की तरह ही PPF यानी Public Provident Fund है, जिसमें आप बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाकर जमा कर सकते हैं। इस खाते में आप regular पैसा जमा कर सकते हैं। पैसा खाता खुलवाने की तारीख से 15 साल तक lock रहता है। हर साल कम से कम 500 रुपए जमा करना जरूरी होता है। इसमें जमा रकम Section 80 C के तहत टैक्स छूट मिलती है।

Tax Deductions Section 80C - सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट

Tax Deductions Section 80C सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट Income Tax Act के Section 80 C के तहत कुछ निवेशों निवेशों और खर्चों पर टैक्स नहीं भरना पड़ता है। सेक्शन 80C के तहत कुल छूट 1.5 लाख रुपए तक ही ली जा सकती है। इस सीमा में समय-सयम पर बदलाव होते रहते हैं।

कृषि आय - Agriculture Income

कृषि आय - Agriculture Income कृषि भूमि से होने वाली income पर किसी तरह का tax नहीं लगता है। इसमें उससे होने वाली उपज, उससे किराए के रूप में मिलने वाली रकम भी शामिल है। Agricultural Formबनाकर की जाने वाली खेती से प्राप्त Incomeभी इस छूट की हकदार है।

विरासत या वसीयत में मिली संपत्ति - Property Through Inheritance Or Will

विरासत या वसीयत में मिली संपत्ति Property Through Inheritance Or Will आपको अपने माता-पिता से विरासत में मिली Property, जेवर या Cash पर किसी तरह का Tax नहीं लगता। इसी तरह वसीयत के माध्यम से मिलने वाली Property या Cash रकम भी Tax Free Income मानी जाती है। हां, ऐसी Propertyसे आगे जो कमाई या ब्याज आदि आपको मिलेगा, उस पर Tax Slab के अनुसार टैक्स देना पड़ेगा।

वीआरएस में मिली राशि- Amount As VRS

वीआरएस में मिली राशि- Amount As VRS अगर आपने VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लिया है तो आपको मिली 5 लाख रुपए तक की रकम Taxछूट की हकदार है। हालांकि यह सुविधा सिर्फ केवल सरकारी या Public Sector में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए ही है, Private कंपनी के कर्मचारियों के लिए नहीं।

जीवन बीमा क्लेम या मेच्योरिटी राशि - Life Insurance Claim Or Maturity Amount

जीवन बीमा क्लेम या मेच्योरिटी राशि Life Insurance Claim Or Maturity Amount अगर आपने Life Insurance करवाया है तो आपके Claim या Maturity पर मिलने वाली राशि पूरी तरह Tax छूट की हकदार होती है। शर्त यह है कि उसका प्रीमियम Sum Assured के 10 फीसदी से अधिक न हो। इससे अधिक का Premium होने पर अतिरिक्त रकम पर टैक्स देना होगा। अगर Insurance Policy आपने परिवार के किसी विकलांग या गंभीर बीमारी से ग्रस्त सदस्य के लिए ली है तो प्रीमियम राशि Sum Assured का 15 फीसदी भी हो सकती है।

Interest On NRE Saving and FD Account

Interest On NRE Saving and FD Account एनआरई सेविंग और एफडी एकाउंट का ब्याज अगर आप NRI हैं तो आपके एनआरई (Non Resident External) एकाउंट पर मिलने वाला ब्याज भी भारत में पूरी तरह टैक्स छूट के तहत आता है। इसमें Saving Account और FD (फिक्स डिपॉजिट) दोनों तरह के खातों का ब्याज शामिल है। NRE Account में जमा राशि पर कोई Tax न लगने के कारण इस पर TDS भी नहीं कटता। यह सुविधा Singapore, UAE जैसे देशों में रहने वाले भारतीयों के लिए खास उपयोगी है, क्योंकि इन देशों में बहुत कम ब्याज दर (2 से 3 फीसदी) पर Loanमिल जाता है। इस लोन को भारत में NRE Account के तहत जमा करने पर बेहतर ब्याज मिल जाता है और Tax भी नहीं देना पड़ता।

बचत खाते का ब्याज - Interest On Saving Account

बचत खाते का ब्याज - Interest On Saving Account आपके Saving Account पर 10,000 रुपए तक के सालाना ब्याज पर टैक्स नहीं लगता। अगर यह 10,000 रुपए से ज्यादा है तो अतिरिक्त रकम पर टैक्स देना होगा।- Section 80 TTA

शादी/विवाह में मिले गिफ्ट - Gifts on Marriage

शादी/विवाह में मिले गिफ्ट - Gifts on Marriage शादी-विवाह में दोस्तों और रिश्तेदारों से मिले Gifts पर आपको किसी तरह का टैक्स अदा नहीं करना पड़ता है। बशर्ते ये उपहार उस Date के आसपास मिलने चाहिए, जिस Dateको आपकी शादी हो। ऐसा नहीं हो कि शादी 16 मार्च को हो और Gift साल-छह महीने बाद में दिया जाए। हां इन Giftsकी कीमत 50,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। इससे ज्यादा का होने पर वो Giftभी टैक्स के दायरे में आ जाएगा।

Interest Rate of EPF

Interest Rate of EPF EPF यानी Employee Provident Fund (कर्मचारी भविष्य निधि, भारत सरकार की ओर से निजी क्षेत्र (Private Secton) के कर्मचारियों के लिए चलाई जा रही अनिवार्य बचत योजना है। मौजूदा सभी बचत योजनाओं में EPF की ब्याज दर सबसे अधिक है। क्योंकि, सामाजिक (Social) व राजनैतिक (Political) हितों को देखते हुए Government इसे कर्मचारियों के लिए ज्यादा से ज्यादा लाभदायक (Beneficial) बनाने की कोशिश करती है

2019 में पोस्ट ऑफिस स्कीम के

2019 में पोस्ट ऑफिस स्कीम के Interest Rate (PPF, NSC, SCSS and Sukanya) पोस्ट ऑफिस स्माल सेविंग स्कीम की नई दरें आ गई हैं। ये दरें साल 2019 के पहले तीन महीनों के लिए हैं। पीपीएफ, NSC, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम, मंथली इनकम स्कीम, सुकन्या समृद्धि स्कीम और पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट की ब्याज दरें सरकार तय करती है। सरकार हर तीन महीने में इन स्कीम की दरों की समीक्षा करती है। इस बार की समीक्षा में सिर्फ टाइम डिपॉजिट की दरों में बदलाव किया गया है। बाकी सभी स्कीमें पहले की तरह ब्याज देती रहेंगी

एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट का फायदा किसे

एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट का फायदा किसे Who can claim deduction under Section 80E सिर्फ ऐसे individuals जिन्हें education loan पर ब्याज चुकाना पड़ रहा है, वही इस Tax छूट का फायदा उठा सकते हैं। HUF इसका फायदा नहीं ले सकते। और भी अन्य किसी Category के लोग इस Tax छूट के हकदार नहीं हैं। आप Higher studies के लिए education loan पर टैक्स छूट खुद के लिए, पति या पत्नी के लिए, अपने बेटे—बेटियों के लिए प्राप्त कर सकते हैं। किसी ऐसे व्यक्ति के लिए education loan पर भी ये छूट तभी पा सकते हैं, जबकि आप उसके legal guardian हों। अपने भाई—बहन, सगे संबंधी या रिश्तेदार के बच्चों के लिए नहीं। education loan में टैक्स छूट का हकदार वही व्यक्ति होगा, जिसके नाम पर education loan मंजूर हुआ होगा। यानी कि आप अपने बच्चे के लिए education loan अपने नाम से मंजूर कराते हैं तो आपको ही loan पर टैक्स छूट पाने का हक होगा, आपके बच्चे को नहीं। क्योंकि loan की किस्तें आपको ही चुकानी होती हैं।

deduction Under Section80E

deduction Under Section80E बेहतर शिक्षा की राह आसान बनाने के लिए Income Tax के नियमों मे कई छूट दे रखी हैं। इन्हीं में से एक नियम है Income Tax Act of India, 1961 का Section 80 E। इसके तहत कोई भी व्यक्ति जो Education loan लेकर अपनी Higher Study पूरी करता है। वह अपनी कमाई में से टैक्स भरने के दौरान Education loan के पूरे ब्याज पर पूरी टैक्स छूट पाने का हकदार होगा। नोट: Higher Studies पूरी करने के बाद जैसे ही आप कमाना शुरू करते हैं, Education loan की Installment जमा होनी शुरू हो जाती हैं। इस loan लोन को आप उसके मूलधन (principal amount) और ब्याज को मिलाकर बनी किस्तों में चुकता करते हैं। यहां ब्याज वाला हिस्सा ही Section 80E के तहत टैक्स छूट का हकदार होता है।

गंभीर बीमारी से ग्रस्त आश्रित के उपचार पर खर्च - Deduction under Section 80DDB

गंभीर बीमारी से ग्रस्त आश्रित के उपचार पर खर्च Deduction under Section 80DDB अगर आप खुद या आपके आश्रित परिवार में किसी को AIDS, Cancer, Perkinson जैसी गंभीर रूप से खतरनाक बीमारी हो जाती है तो इनके Treatment पर आने वाला 40 हजार रुपए तक का खर्च Tax छूट के अंतर्गत आता है। अगर Taxpayer 60 वर्ष के ऊपर है तो उसे यह छूट 60 हजार रुपए तक के खर्च पर ले सकता है। अगर वह 80 वर्ष से ज्यादा उम्र का है तो उसे इस मद में 80 हजार रुपए तक के खर्च पर यह छूट मिल सकती है।

Deduction under Section 80DD

Deduction under Section 80DD अगर आपके Parent, पति या पत्नी, बच्चे किसी विकलांगता के शिकार हैं जो उनकी देखभाल और इलाज आदि पर खर्च की गई 75 हजार रुपए तक की रकम Section 80DD के तहत टैक्स छूट की हकदार होती है। गंभीर विकलांगता की स्थिति में यह छूट 1.25 लाख रुपए तक की रकम पर मिल सकती है।

मेडिकल या हेल्थ इंश्योरेंस - Deduction under Section 80D

Deduction under Section 80D आप खुद पर, पति पत्नी, बच्चों और माता-पिता या अभिभावक का Health Insurance करवाते हैं तो इसके लिए जो Premium आप जमा करते हैं, उस पर Section 80D के तहत टैक्स छूट मिलती है। General Taxpayer अपनी पत्नी बच्चों ओर खुद के लिए सालाना 25 हजार रुपए तक के Premium पर यह छूट पा सकता है। Senior Citizen के लिए यह छूट 30 हजार रुपए तक के Premium पर मिलती है। Parents या अभिभावकों का Health Insurance करवाने पर अलग से 25 हजार रुपए तक के सालाना प्रीमियम पर टैक्स भरने की छूट मिलती है। माता-पिता की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा हो तो यह छूट भी बढ़कर 30 हजार रुपए सालाना प्रीमियम पर लागू होती है।

पहली बार घर खरीदने पर टैक्स छूट - Deduction under Section 80EE

पहली बार घर खरीदने पर टैक्स छूट Deduction under Section 80EE अगर आपने Home loan लेकर पहली बार घर खरीदा है तो 50 हजार रुपए की और रकम पर आप Section 80EE के तहत Tax से छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह छूट Section 24B के तहत दो लाख रुपए तक के ब्याज पर Tax छूट से अलग होगी। बशर्ते Loan मंजूर होने की तिथि तक आवेदक के पास खुद की कोई residential property न हो। इस Rule का फायदा लेने के लिए जरूरी है कि खरीदा गया घर 50 लाख रुपए से ज्यादा का न हो और उसके लिए लिया गया लोन 35 लाख रुपए से ज्यादा का न हो। साथ ही वह Property 1 अप्रैल 2016 के बाद खरीदी गई हो।

नए वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार ने 4 प्रतिशत सेस

नए वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार ने 4 प्रतिशत सेस नए वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार ने 4 प्रतिशत सेस (Education And Health Cess के नाम से) अनिवार्य कर लिया है। पिछले वित्त वर्ष (2017-18) में यह 3 प्रतिशत था, Education Cess के नाम से। कमलेश के मामले में उसके 1,30,500 रुपए टैक्स पर 4 प्रतिशत के हिसाब से Cess बनेगा 5,220 रुपए। इस Cess को टैक्स में जोड़ देने पर हुआ 1,30,500+5,220 = 1,35,720 रुपए। यानी कि कमलेश को अंतिम रूप से 1,35,720 रुपए सरकार को Tax के रूप में चुकाने होंगे।

Surcharge

Surcharge सरकार उन taxpayers की टैक्स देनदारी पर (आमदनी पर नहीं) 10 प्रतिशत सरचार्ज अलग से वसूल करती है, जिनकी सालाना आमदनी 50 लाख रुपए से 1 करोड़ है। सालाना आमदनी 1 करोड़ से ज्यादा होने पर सरचार्ज की मात्रा कुल टैक्स देनदारी का 15 प्रतिशत हो जाती है।

Rebate u/s 87A

Rebate u/s 87A सरकार ऐसे करदाताओं (taxpayers) को टैक्स देनदारी में 2500 रुपए तक की सीधी छूट (rebate) अलग से देती है, जिनकी सालाना आमदनी 3.5 लाख रुपए से कम है। हालांकि, अपने उदाहरण में कमलेश की सालाना आमदनी इससे ज्यादा है, इसलिए उसे इस रिबेट का फायदा नहीं मिल सकेगा।

वित्तीय वर्ष 2018-19 के tax slab के अनुसार

वित्तीय वर्ष 2018-19 के tax slab के अनुसार Rs. 10,60,000 वित्तीय वर्ष 2018-19 के tax slab के अनुसार हर व्यक्ति की शुरुआती 2.5 lakh रुपए तक की आमदनी पर 0% tax रेट है। यानी कि इस हिस्से पर कोई टैक्स नहीं लगना है। कमलेश की आमदनी के इस हिस्से पर टैक्स बना=00 (शून्य रुपए) 1. इससे ऊपर जो 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक के बीच पड़ने वाली रकम है, उस पर 5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगना है। इस स्लैब के अंदर कमलेश के 2.5 लाख रुपए पड़ते हैं कमलेश की आमदनी के इस हिस्से पर टैक्स बना=12500 रुपए 2. अब कमलेश के पास बचते हैं 5.60 लाख रुपए। अगला स्लैब से 5 से 10 लाख रुपए का, जिसमें कमलेश के 5 लाख रुपए पड़ते हैं। इन पर पर 20 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स लगता है। कमलेश की आमदनी के इस हिस्से पर टैक्स बना=1,00,000 रुपए 3. बाकी बचे 60 हजार रुपए अगले 30 प्रतिशत वाले स्लैब में चले जाएंगे। जिसमें 10 लाख से ऊपर की सारी रकम रखी जानी है। इसका भी टैक्स निकाल लीजिए। कमलेश की आमदनी के इस हिस्से पर टैक्स बना=18000 रुपए 4. ऊपर के चारों स्लैब के अनुसार अपनी इनकम के हिस्सों पर निकले टैक्स को जोड़ लीजिए। कमलेश के मामले में इनका योग होता है=1,30,500रुपए

Apply Tax Deductions

Apply Tax Deductions डिडक्शन का उपयोग करें आपके पास टैक्स कटौती tax deduction के रूप में taxable income को घटाने का मौका होता है। सरकार आपके कुछ तरह के निवेशों पर tax deductions की छूट देती है। जैसे कि EPF, PPF, NPS, NSC, Insurance, ELSS वगैरह। Income Tax Act के तहत section 80C, 80D, 80E and 80G वगैरह ऐसे प्रावधान (Provisions) हैं, जिनसे आप अपने विभिन्न निवेशों (Investments) पर टैक्स छूट (tax benefit) प्राप्त करते हैं। हालांकि, इन सभी मदों में Investment की एक सीमा तक ही टैक्स कटौती (Tax Deductions) लागू होती है। नोट: वित्तीय वर्ष 2018-19 से सेलरी पाने वााले करदाताओं (salaried taxpayer) को 40,000 रुपए के standard deduction की छूट दी गई है। यानी सेलरी पाने वालों की Income पर टैक्स की गणना के पहले ही सीधे-सीधे 40 हजार रुपए बाहर कर दिए जाएंगे। बची हुई Salary पर ही टैक्स की गणना की जाएगी।

House Rent Allowance under Section 10 (13A)

House Rent Allowance under Section 10 (13A) Tax छूट वाली रकम क्या होगी यह इन तीन स्थितियों की तुलना करने पर निकाली जाएगी। 1. साल भर में दिया गया किराया- Basic Salary+ महंगाई भत्ता का 10 प्रतिशत 2. HRA के रूप में आपको सरकार/ कंपनी से मिलने वाली रकम 3. आपकी Basic Salary का 40 व महंगाई भत्ता (मेट्रो सिटी में रहने वालों के लिए बेसिक सेलरी का 50 प्रतिशत और महंगाई भत्ता) इन तीनों Option में जो भी सबसे कम होगा, उस रकम पर आप Income Tax में छूट के लिए Claim कर सकते है।

Employees’ Provident Fund (EPF)

Employees’ Provident Fund (EPF) Employees’ Provident Fund (EPF), Public Provident Fund (PPF), Sukanya Samriddhi Yojana, National Savings Certificate और tax-saving fixed deposits आदि। इनके माध्यम से की गई बचतों पर Section 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा मिलता है।

Life Insurance Premium

Life Insurance Premium Life Insurance Premium, नेशनल पेंशन स्कीम औरTax Saving Mutual Funds (ELSS)आदि में जमा आपकी कुल 1.5 लाख रुपए तक की रकम टैक्स छूट की हकदार होती है।

दो बच्चों की पढ़ाई में Tution Fee का हिस्सा

दो बच्चों की पढ़ाई में Tution Fee का हिस्सा, Home Loan की किस्त में शामिल मूलधन का हिस्सा, घर की खरीद में जो आप Stamp Duty और Registration Charge अदा करते हैं, इन सब पर भी आप Section 80C के तहत टैक्स से छूट के लिए Claim कर सकते हैं।

नेशनल पेंशन स्कीम में जमा रकम - Deductions under Section 80CCD(1B)

नेशनल पेंशन स्कीम में जमा रकम Deductions under Section 80CCD(1B) National Pension Scheme के तेहत 1 एकाउंट में जमा की गई 50 हजार रुपए तक की रकम पर आपको Tax छूट का लाभ मिलता है। यह छूट Section 80C के तहत निवेश के अलावा होती है। यह छूट सभी Tax Slab के अंतर्गत आने वाले TaxPayers को मिल सकती है।

होम लोन के ब्याज परटैक्स छूट - Deduction under Section 24B

होम लोन के ब्याज परटैक्स छूट Deduction under Section 24B आपने घर बनाने के लिए अगर बैंक से Loan लिया है तो इसके 2 लाख रुपए तक के ब्याज पर आपको Section 24B के तहत Tax भरने से छूट मिलती है। इसी प्रकार home improvement loan के रूप में लिए गए 30 हजार रुपए तक की रकम पर भी Tax से छूट मिलती है।

House Rent Allowance

House Rent Allowance एचआरए या हाउस रेंट अलाउंस अगर आप किराए के मकान में रहते हैं तो सरकार/ कंपनी की ओर से आपको मिलने वाला HRA या House Rent Allowance भी Tax छूट के योग्य होता है। यह आपके निवास संबंधित शहर के मुताबिक Basic Salary का 40 से 50 फीसदी तक हो सकता है। टैक्स में छूट के लिए तीन Conditionsकी तुलना की जाती है। HRA के रूप में मिलने वाली रकम, आपकी Salaryका 40 प्रतिशत, आपके अदा किए गए किराए से Salaryका 10 फीसदी घटाकर। तीनों में जो Amount सबसे कम होगी, उस पर आप Tax से छूट प्राप्त कर सकते हैं।

मोबाइल और इंटरनेट बिल

मोबाइल और इंटरनेट बिल Mobile And Internet Bill आपको Job के दौरान Communication और सूचना के माध्यम के रूप में जो Telephone, मोबाइल, इंटरनेट आदि के लिए खर्च Company की ओर से मिलता है, उस पूरी राशि को आप Tax छूट के लिए claim कर सकते हैं। इस छूट के लिए इन खर्चों को दर्शाने वाला आपका Postpaid Bill ही मान्य होगा।

मेडिकल रिएम्बर्समेंट

मेडिकल रिएम्बर्समेंट Medical Reimbursement कंपनी की ओर से आपके और आपके Familyके सदस्यों पर हुए दवाओं और इलाज के खर्च के लिए जो Medical Reimbursement मिलता है, वह भी पूरी तरह Tax छूट के योग्य होता है। इस की Limit 15000 रुपए सालाना तक ही है। आपको Company के HRविभाग में समुचित Billभी पेश करना होगा।

ट्रांसपोर्ट एलाउंस

ट्रांसपोर्ट एलाउंस Transport Allowance आपको अपने निवास से Office या कार्यस्थल पर आने और कार्यस्थल से Residence तक जाने के लिए कंपनी की तरफ से जो Transport Allowance मिलता है, वह भी Tax छूट के योग्य होती है। आपकी Salary में उल्लिखित Amountपर यह छूट मिलती है जो 1600 रुपए महीने या ₹19,200 से अधिक नहीं हो सकती। यह अब 2018-2019 से सरकारी कर्मचारी को नही मिलेगा

बच्चों की पढ़ाई व हॉस्टल खर्चे पर एलाउंस

बच्चों की पढ़ाई व हॉस्टल खर्चे पर एलाउंस Children’s Study Allowance अगर आपको Employerकी ओर से आपके बच्चों की Study के लिए भत्ता दिया जा रहा है तो यह भी टैक्स से छूट योग्य माना जाएगा। हालांकि इसकी Limit प्रति बच्चा 100 रुपए और वह भी दो बच्चों तक ही है। साथ ही अगर Hostel के खर्च के लिए अगर Allowance मिल रहा है तो उस पर भी टैक्स छूट मिलेगी। इस पर टैक्स छूट योग्य खर्च की Limit 300 रुपए महीना है, जो दो बच्चों तक ही मिलेगी। ज्यादा खर्च होने पर अतिरिक्त राशि पर Tax लगेगा।

एक सीमा तक सामान्य आमदनी पर भी टैक्स नहीं

एक सीमा तक सामान्य आमदनी पर भी टैक्स नहीं सरकार आपकी शुरुआती स्तर की सामान्य आमदनी पर भी कोई Tax नहीं लगाती। Tax Slabs में शुरुआती आमदनी की एक limit घोषित की जाती है, जिस पर Tax Rate शून्य (Nill) रहता है। यानी कि उस सीमा में पडने वाली आपकी आमदनी पर कोई Tax नहीं लगेगा। उदाहरण के लिए, वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 2.5 लाख रुपए तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगना है। senior citizens (60 से 80 वर्ष की उम्र) के लिए यह छूट 3 लाख रुपए तक की कमाई पर है। इसी प्रकार Super senior citizens के मामले में 5 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर कोई Tax नहीं है।

Tuesday, 8 January 2019

धारा 80 सीसीडी

80CCD धारा 80 सीसीडी: पेंशन खाते में योगदान के लिए कटौती
कर्मचारी का योगदान – धारा 80 सीसीडी (1) एक व्यक्ति जो उसकी / उसके पेंशन खाते में जमा करता है की अनुमति देता है , अधिकतम कटौती वेतन या सकल कुल आय का 10% (करदाता एक कर्मचारी होने के मामले में) का 10% है 1,50,000 रुपये जो भी कम हो (किया जा रहा हैं )

एनपीएस के लिए स्वयं योगदान के लिए कटौती – धारा 80 सीसीडी (1 बी) एक नई धारा 80 सीसीडी (1 बी) अपने एनपीएस खाते में एक करदाता द्वारा जमा राशि के लिए अतिरिक्त कटौती के लिए शुरू किया गया है। अटल पेंशन योजना के लिए योगदान भी पात्र हैं। कटौती 50,000 रुपये तक के योगदान पर अनुमति दी है। इस राशि पर सरकार कोई अंशदान जमा नहीं कराती है। यह राशि धारा 80 सी के तहत जमा अधिकतम सीमा 1,50,000 रुपये से बाहर है।
नियोक्ता का योगदान – धारा 80 सीसीडी (2)कटौती कर्मचारी के पेंशन खाते को नियोक्ता के योगदान कर्मचारी के वेतन का 10% करने के लिए अनुमति दी है। इस कटौती पर कोई मौद्रिक सीमा नहीं है। यह राशि धारा 80 सी के तहत जमा अधिकतम सीमा 1,50,000 रुपये से बाहर है।

House Rent Allowance (HRA या एचआरए) मकान किराया भत्ता

HRA आपके वेतन का एक हिस्सा होता है| 

एचआरए पर टैक्स बेनिफिट धारा 10 (13A) और आयकर अधिनियम के नियम 2A के तहत मिलता है।
ध्यान दें पूरा HRA टैक्स-मुक्त नहीं होता है| कुछ ही हिस्से पर छूट मिलती है|
तीन संख्यायों का पता लगायें|
  1. House Rent Allowance (HRA या मकान किराया भत्ता)
  2. Rent – 10% of Basic Salary (किराया – मूल वेतन का 10%)
  3. 40% of Basic Salary. If you are staying in a metro city, 50% of Basic Salary (मूल वेतन का 40%), यदि आप मेट्रो शहर (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता) में रह रहे हैं तो सीमा 50% मूल वेतन है)

इन तीन संख्यायों में जो सबसे कम है, उस पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है|


  1. स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction)मोटा-मोटी तौर पर एक निश्चित राशि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 40,000 है, जो टैक्स योग्य आय की गणना से पहले आपकी सैलरी से काट ली जाती है. यह साल 2005-06 तक आयकर अधिनियम का हिस्सा था, जब तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने इसे हटा दिया था.
  2. धारा 87A के अंतर्गत छूट : छूट निवासी व्यक्ति के लिए उपलब्ध होती हैं यदि उसकी कुल आय रू. 3,50,000 से अधिक न हो। छूट की राशि आयकर का 100 % अथवा 2,500 रू. जो भी कम हो, होगी